Bihar: प्रधान शिक्षिका विक्षिप्त हुईं तो कुर्सी पर पति का कब्जा, कबाड़ी को बेच डाले स्कूल के डेस्क, झूले, बेंच
Bihar Corruption 2006 में प्रधान शिक्षिका निशा कुमारी का चयन हुआ और इसके बाद उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई। विभागीय मिलीभगत से कुर्सी पर उनके पति कैलाश तांती ने कब्जा जमा लिया। प्रधान शिक्षिका के विक्षिप्त होने के बाद भी विभाग से उनको वेतन का भुगतान जारी रहा।
संवाद सूत्र, (बेलहर) बांका: बेलहर प्रखंड क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय के संचालन में अनियमितता व भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार के एक ताजा मामले में ग्रामीणों के विरोध-प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग की मिलीभगत से चल रही अनियमितता उजागर हुई। क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय दुहबा का संचालन करीब एक दशक से प्रधान शिक्षिका निशा कुमारी के पति कैलाश तांती कर रहे हैं। पठन-पाठन से लेकर बीआरसी तक के कागजी कार्यभार भी प्रधान शिक्षिका के पति ही संभाल रहे हैं। इसका कारण नियुक्ति के कुछ दिन बाद ही प्रधान शिक्षिका का मानसिक रूप से विक्षिप्त हो जाना है। इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों से लेकर कर्मियों तक को है। वावजूद इसके विभाग द्वारा उक्त शिक्षिका को नियमित तौर पर वेतन का भुगतान किया जा रहा है। जिले के प्रभारी बीईओ ने भी प्रधान शिक्षिका के विक्षिप्त होने की बात को स्वीकार किया है।
प्रधान शिक्षिका पति ने बेच दिए स्कूल के डेस्क, बेंच, झूले, सीढ़ी
कुछ दिन पूर्व जब स्कूल में नए भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो जेसीबी मशीन से प्रांगण को समतल किए जाने के क्रम में स्कूल प्रांगण में लगे झूले आदि उखाड़ दिए गए। प्रधान शिक्षिका के पति ने झूलों के साथ डेस्क, बेंच, कुर्सी, सीढ़ी आदि भी कबाड़ी वालों के हाथ बेच दिया। तीन पिक-अप गाड़ियों से भरकर कबाड़ी वाले सामान ले गए। ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर भी शिक्षिका पति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। स्कूल भवन के रंगरोगन में भी अनियमितता बरती गई है।
उक्त विद्यालय में वर्षों से घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। हाल के दिनों में प्रधान शिक्षिका के पति ने डेस्क, बेंच, झूला, सीढ़ी आदि को कबाड़ी वालों के हाथ बेच दिया। मनमानी का आलम ये कि विभाग से इसकी स्वीकृति तक नहीं ली गई थी। मामले को लेकर जब ग्रामीणों ने प्रधान शिक्षिका के पति कैलाश तांती से पूछताछ की तो कैलाश तांती उल्टे ग्रामीणों पर भड़क गए। ग्रामीणों ने डीएम अंशुल कुमार और जिला परिषद अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह से शिकायत की है और विरोध-प्रदर्शन कर मामले की जांच कर कार्रवाई की भी मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को स्कूल में एमडीएम भी नहीं बना था। उन्होंने सहायक शिक्षिकाओं पर भी नियमित तौर पर स्कूल नहीं आने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को प्रधान शिक्षिका अनुपस्थित थी। सहायक शिक्षिका कुमारी उर्मिला को प्रभार दिया गया था। एमडीएम बंद था। एक और सहायक शिक्षिका कुमारी गुंजा और टोला सेवक प्रभाकर कुमार चौधरी उपस्थित थे। बच्चे स्कूल के बाहर खेल रहे थे। सभी शिक्षक मोबाईल चलाने में मस्त थे। शिक्षा के नाम पर पूरी तरह से खिलवाड़ हो रहा था।
विक्षिप्त प्रधान शिक्षिका के पति ने स्कूल पर किया कब्जा
ग्रामीण निर्मला देवी, सेला देवी, अशोका देवी, सुलेखा देवी, बासुदेव दास, सोनी देवी, मीणा देवी, मोनू कुमार सिंह, अभिषेक कुमार आदि ने बताया कि वर्ष 2006 में प्रधान शिक्षिका निशा कुमारी का चयन हुआ था। इसके बाद उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई और उनका इलाज कराया जाने लगा। बीमार प्रधान शिक्षिका घर में ही रहने लगी।
विभागीय मिलीभगत से पत्नी की जगह कुर्सी पर उनके पति कैलाश तांती ने कब्जा जमा लिया और पठन-पाठन से लेकर एमडीएम संचालन आदि सब काम खुद ही देखने लगा। प्रधान शिक्षिका के विक्षिप्त होने के बाद भी विभाग से उनको वेतन का भुगतान जारी रहा। कई बार स्थानीय अधिकारियों ने शिक्षिका पति को स्कूल नहीं आने की हिदायत दी। लेकिन विभाग के भ्रष्ट कर्मियों और अधिकारियों की शह के कारण उसने स्कूल संचालन का कार्य जारी रखा।
"प्रधान शिक्षिका के विक्षिप्त होने की सूचना मिली है। जिसकी जांच कराई जा रही है। डेक्स, बेंच, झूला आदि बेचने की सूचना नहीं थी। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।"
-सुरेश ठाकुर, प्रभारी बीईओ बेलहर