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Agriculture Drone: बांका में सफल रहा ड्रोन का ट्रायल, दस मिनट में एक एकड़ खेत में दवा-खाद का किया छिड़काव

किसानों के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा। पहली बार जिले में एग्रीकल्चर ड्रोन की मदद से खाद और दवा का छिड़काव किया गया। रजौन प्रखंड के उपरामा गांव में पहले दिन आठ एकड़ भूमि में लगी फसल पर नैनो यूरिया का छिड़काव किया गया।

By Shudhanshu KumarEdited By: Prateek JainPublished: Mon, 09 Jan 2023 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jan 2023 08:46 PM (IST)
Agriculture Drone: बांका में सफल रहा ड्रोन का ट्रायल, दस मिनट में एक एकड़ खेत में दवा-खाद का किया छिड़काव
बांका के रजौन में ड्रोन के माध्यम से फसल पर खाद एवं दवा का छिड़काव कराते कृषि विज्ञानी एवं किसान

बांका, संवाद सूत्र: किसानों के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा। पहली बार जिले में एग्रीकल्चर ड्रोन की मदद से खाद और दवा का छिड़काव किया गया। रजौन प्रखंड के उपरामा गांव में पहले दिन आठ एकड़ भूमि में लगी फसल पर नैनो यूरिया का छिड़काव किया गया। यहां पर 250 एकड़ भूमि में लगी गेहूं की फसल में नैनो यूरिया और दवा का छिड़काव किया जाएगा।

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कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान विज्ञानी डा. मुनेश्वर कुमार ने बताया कि ड्रोन तकनीक किसानों के लिए एक वरदान की तरह है। जलवायु अनुकूल कृषि क्षेत्र में ट्रायल के रूप में अभी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। एग्रीकल्चर ड्रोन की मदद से खेतों में दवा और खाद का छिड़काव करने से समय और लागत दोनों की बचत होती है। लागत में 25 फीसद तक कमी आ सकती है। या छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

50 एकड़ फसल में कर सकते हैं छिड़काव

एग्रीकल्चर ड्रोन की मदद से किसान एक दिन में 50 एकड़ भूमि में लगी फसल में खाद और दवा का छिड़काव कर सकते हैं। उन्हें चार्ज करने की भी जरूरत नहीं होगी। एक एकड़ भूमि में दवा और खाद का छिड़काव करने में महज दस मिनट का समय लगता है। कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञान रघुवर साहू ने बताया कि पहले दिन एग्रीकल्चर ड्रोन का ट्रायल पूरी तरह सफल रहा। दोपहर करीब दो बजे के आसपास इसका ट्रायल किया गया। पहले दिन महज आठ एकड़ में खाद का छिड़काव किया जा सका।

किसानों में दिखा जबरदस्त उत्साह

ड्रोन के ट्रायल को देखने के लिए बड़ी संख्या में भूसिया, उपरामा, कठोन समय आसपास के गांव के किसान जुटे थे। किसान डब्बू चौधरी, रंजन कुमार, शंभू नाथ वर्मा ने बताया कि इस तकनीक का प्रयोग कर उन लोगों को काफी फायदा होगा। हम लोगों के पास सबसे बड़ी समस्या मजदूर की है। दवा और खास का छिड़काव करने के लिए मजदूर की कोई जरूरत ही नहीं है। जिस काम को करने में पूरे दिन का समय लग जाता था, उसे महज दस मिनट में किया जा सकता है।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय की ओर से बांका में एग्रीकल्चर ड्रोन का प्रयोग ट्रायल के रूप में किया जा रहा है। इसके प्रति किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। इससे समय और लागत तीनों में कमी आएगी। इससे किसान घंटों का काम मिनटों में खत्म कर सकते हैं। -डा. आरके सोहने, निदेशक प्रसार शिक्षा, बीएयू।

ट्रायल के मुख्‍य बिंदु

01 प्रति एकड़ में दवा और खाद छिड़काव के लिए किसानों को खर्च करने होंगे 314 रुपये

08 एकड़ में लगी फसल पर खाद का किया गया छिड़काव, पहले दिन हुआ उपरामा गांव

250 एकड़ भूमि में लगी गेहूं की फसल में नैनो यूरिया और दवा का हुआ छिड़काव

25 फीसद तक खर्च में आ सकती है कमी

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