एक-एक प्रमाण पत्र पर तीन-तीन फर्जी गुरुजी
बांका। दो महीने पूर्व शिक्षा विभाग ने टीईटी पास सभी शिक्षकों का प्रमाण पत्र विभाग से उपलब्ध सी
बांका। दो महीने पूर्व शिक्षा विभाग ने टीईटी पास सभी शिक्षकों का प्रमाण पत्र विभाग से उपलब्ध सीडी के माध्यम से कराया। लेकिन इस जांच में विभाग का हाथ पूरी तरह खाली रहा। कुछ प्रखंड ने तो इस जांच की केवल औपचारिकता पूरी की। जिन प्रखंडों ने गहराई से जांच की, उसे भी कुछ हाथ नहीं लगा। अब निगरानी ब्यूरो ने फिर से सभी टीईटी शिक्षकों का मूल प्रमाण पत्र ही तलब कर लिया है। ऐसे में फर्जीवाड़ा कराने वाले तत्व एक बार फिर सक्रिय हैं।
टीईटी प्रमाण पत्र पर फर्जी शिक्षक बने लोगों का अधिकांश प्रमाण पत्र शुद्ध है। पर उस प्रमाण पत्र पर शिक्षक की नौकरी कर रहा व्यक्ति ही फर्जी है। बांका में ही एक टीईटी प्रमाण पत्र में तीन-तीन व्यक्ति के नौकरी करने की बात सामने आ रही है। किसी प्रमाण पत्र पर दो लोग नौकरी कर रहे हैं। पर तीनों और दोनों चेहरा नकली है। शंभूगंज के पड़रिया पंचायत में खगड़िया का अजय कुमार बन नौकरी कर रहा रतनपुर का बबन कुमार का मामला भी वैसा ही है।
-----
टीईटी में कैसे सेट हुए फर्जी शिक्षक
दरअसल टीईटी पास आवेदकों ने नौकरी के लिए कई जिला और प्रखंड में आवेदन किया। पर उसे नौकरी अपने प्रखंड या जिला में ही मिल गई। चूंकि ऐसे अभ्यर्थी का अंक बहुत अधिक था, उसका चयन कई प्रखंड में हो गया। फर्जीवाड़ा इन्हीं लोगों के नाम से हुआ। नियोजन समिति ने मिलीभगत कर उसी आवेदक की जगह किसी दूसरे चेहरे को मोटी रकम लेकर स्कूल भेज दिया। अब उस एक व्यक्ति के आवेदन पर दो से तीन प्रखंड में नौकरी की बात सामने आ रही है। इसके लिए जिले में तीन साल पहले तीन से पांच और आठ लाख तक का खेल प्रति शिक्षक खेला गया। टीईटी के ऐसे दो दर्जन शिक्षकों ने हाईकोर्ट के विकल्प पर इस्तीफा भी दिया। पर तीन दर्जन से अधिक शिक्षक अब भी नौकरी कर रहे हैं।
-----------
जांच शुरू होते कुंदन ने छोड़ी नौकरी
शंभूगंज के ही चुटिया-बेलारी स्कूल में कुंदन कुमार बन पिछले कई साल से नौकरी कर रहे एक फर्जी ने मामले की जांच शुरू होते ही स्कूल आना छोड़ दिया है। उसके खिलाफ किसी ने शिक्षा विभाग को आवेदन किया था। पिछले सप्ताह ही जांच में शंभूगंज में एक फर्जी पकड़ा गया था। इसके बाद कुंदन कुमार की जांच भी उसी वक्त शुरू हो गई। यह देख कुंदन पिछले दो सप्ताह से बिना सूचना गायब हो गया है। शिक्षा विभाग को जांच से पहले अब उसके फर्जी होने का शक पुख्ता होता दिख रहा है। इसी तरह पड़रिया के जिस बबन कुमार पर प्राथमिकी हुई, वह प्रखंड के कई और फर्जी शिक्षकों का राज खोलने के लिए सूचना अधिकार से जानकारी प्राप्त कर रहा है। खास कर इससे शंभूगंज प्रखंड के फर्जी शिक्षकों ने हड़कंप मचा हुआ है।