किसानों के धान को नहीं मिल रहा दाम, परेशान
बांका। सरकारी धान खरीद सिस्टम पूरी तरह से पंगू बन गया है। इस कारण किसानों को धान की सही कीमत नहीं मिल रही है।
बांका। सरकारी धान खरीद सिस्टम पूरी तरह से पंगू बन गया है। इस कारण किसानों को धान की सही कीमत नहीं मिल रही है। किसान बाजार में बिचौलिए के हाथ धान बेचने को मजबूर है। इससे किसानों को चार सौ रुपया प्रति क्विटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जिले में 80 हजार एमटी धान खरीदने का लक्ष्य है। धान खरीदने का अंतिम समय 31 मार्च है। खरीद 15 नवंबर से जारी है। खरीद का आधा समय बीत गया। इतने समय में 1617 एमटी धान ही खरीदा जा सका है। ऐसे में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरा होना असंभव हो गया है। प्रशासन की लापरवाही के कारण धान खरीद में देरी होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों के खेत में लगी गेहूं पटवन एवं खाद के लिए रूपए की जरूरत है। तीन माह पूर्व से ही धान खरीदा जा रहा है। पहले चुनाव के कारण धान खरीदने में देरी हो चुकी है। चुनाव के बाद भी पैक्स में तेजी से धान नहीं खरीदा जा रहा है। कुछ पैक्स अध्यक्ष कम सीसी और बीमा राशि कटौली पर खरीद से हाथ खड़ा कर चुके हैं। किसान विवश होकर बाजार में धान बेचने को मजबूर हैं। बाजार में उसे प्रति क्विटल तीन से चार सौ रूपया का नुकसान सहना पड़ता है। जिला सहकारिता पदाधिकारी अरूण कुमार ने बताया कि पहले चुनाव के कारण धान खरीदने में देरी हुई थी। अब राजनीति के कारण खरीद प्रभावित हो रहा है। धान ज्यादा खरीद हो इसके लिए लगातार प्रयास जारी है।
----------------
प्रखंडवार अब तक खरीद हुआ धान
प्रखंड किसान खरीद एमटी में
अमरपुर 70 407
बांका 07 50
बाराहाट 19 86
बौंसी 31 163
बेलहर 0 0
चांदन 37 306
धोरौया 01 03
कटोरिया 02 08
फुल्लीडुमर 20 92
रजौन 30 219
शंभुगंज 46 278