मतदाता सूची सत्यापन में जिला फिसड्डी
बांका। निर्वाचन आयोग मतदाता सूची से नकली मतदाताओं को हटाने तथा नए युवा मतदाताओं को जोड़ने के लिए मतदाता सत्यापन अभियान चला रहा है।
बांका। निर्वाचन आयोग मतदाता सूची से नकली मतदाताओं को हटाने तथा नए युवा मतदाताओं को जोड़ने के लिए मतदाता सत्यापन अभियान चला रहा है। हर एक मतदाता को इस सत्यापन से गुजरना अनिवार्य है।
मतदाता का सत्यापन नहीं होने पर ऐसे लोगों का नाम मतदाता सूची से हट जाएगा। इसका सत्यापन कराने के लिए मतदाता को वोटर आइकार्ड को छोड़कर कोई भी दूसरा प्रमाण पत्र निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर स्कैन करके लगाना होगा। इसके लिए बीएलओ सभी घर से मतदाताओं का प्रमाण पत्र संग्रह कर जिला कार्यालय में जमा कर रहे हैं। प्रतिदिन वेबसाइट पर इसे अपडेट किया जा रहा है।
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अब तक केवल एक लाख का सत्यापन :
मतदाताओं के सत्यापन में बांका अबतक फिसड्डी साबित हुआ है। विभाग के अनुसार इसे 15 अक्टूबर तक ही शत प्रतिशत पूरा करना था। लेकिन जिला में निर्धारित तिथि तक मात्र 7.54 फीसद मतदाता का ही सत्यापन हो सका है। जिला में 13 लाख 76 हजार 60 मतदाता हैं। इन सभी का सत्यापन पूरा किया जाना है। मतदाताओं में जागरुकता के अभाव में एक लाख तीन हजार 734 मतदाताओं का ही मुश्किल से सत्यापन हो सका है। कार्य पूरा नहीं होने पर निर्वाचन आयोग ने इसे अब आगे बढ़ा कर 15 नवंबर कर दिया है।
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वोटर आइकार्ड छोड़ पांच दस्तावेज से होगा सत्यापन :
मतदाताओं का सत्यापन वोटर कार्ड को छोड़कर पांच दस्तावेज से सूची का सत्यापन होगा। इसमें आधार कार्ड, ड्राईविग लाइसेंस, पेन कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट और बैंक पासबुक को माना गया है। मतदाता इसे अपने बीएलओ को जमा करेंगे। जिसके बाद निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उसे अपलोड किया जाएगा।
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कोट
सत्यापन कार्य के लिए जिला कार्यालय में पांच दर्जन से अधिक डाटा इंट्री ऑपरेटर को लगाया गया है। वे बीएलओ के कलेक्ट फार्म को प्रतिदिन विभाग की वेबसाइट पर इंट्री कर रहे हैं। इसके बाद भी यह कार्य इतना धीरे हो रहा है। इसकी खास वजह मतदाता तक जानकारी का अभाव है। जनप्रतिनिधियों को इसमें जागरूक होकर सहयोग करने की जरूरत है।
सुरेश प्रसाद, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, बांका
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