प्रतिबंध के बाद भी दौड़ रहा प्लास्टिक कैरी बैग
बांका। बिहार सरकार ने 14 दिसंबर से प्लास्टिक कैरी बैग के प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया है।
बांका। बिहार सरकार ने 14 दिसंबर से प्लास्टिक कैरी बैग के प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके लिए सरकार ने जगह-जगह रैली निकालकर लोगों को प्लास्टिक का कैरी बैग इस्तेमाल नहीं करने के लिए जागरूक भी किया। बताया गया कि प्लास्टिक का कैरी बैग पर्यावरण को हो रहे नुकसान कर रहा है। इसके लिए नगर परिषद को विशेष टास्क भी दिया गया था। इस्तेमाल कर रहे दुकानदारों से जुर्माना वसूली की भी निर्णय सरकार ने लिया था। इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने अभियान चलाकर दुकानदारों से जुर्माना भी वसूल किया था। लेकिन प्रशासन के सुस्त होते ही फिर से शहर में प्लास्टिक कैरी बैग का प्रयोग धड़ल्ले से होना शुरू हो गया है। प्लास्टिक कैरी बैग का चलन बाजार में कम होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिबंध के बावजूद प्रशासनिक ढिलाई के कारण छोटे दुकान, सब्जी आदि की दुकानों में इसका चलन खुलेआम हो रहा है। खासकर बूचड़खाना में यह प्रतिबंध मानो कभी लागू हुआ ही नहीं। मांस-मछली और मुर्गे की दुकानों में इसका आम दिनों की तरह प्रयोग हो रहा है। लोग बिना किसी डर भय के इसका प्रयोग कर रहे हैं। दुकानदार भी आराम से सामान को पैक कर ग्राहक को थमा रहे हैं।
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बड़े पैमाने पर गांवों में प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग :
बड़े पैमाने पर प्लास्टिक कैरी बैग का प्रयोग ग्रामीण क्षेत्र में हो रहा है। इसका सबसे बड़ी बात यह है कि प्रशासन का अभियान शहरी क्षेत्र तक ही रह जाता है। ऐसे में ग्रामीण स्तर के छोटे व्यवसायी इसके धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे है।
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प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग पर जुर्माने का प्रावधान :
प्लास्टिक बैग में सामान बेचने पर 500 से हजार रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है। प्लास्टिक बैग में सामान ले जाते पकड़े जाने पर पहली बार 100 एवं दूसरी बार में 200 रुपये का जुर्माना देना होगा। साथ ही इसका व्यापार करते पकड़े जाने पर दो हजार से पांच हजार तक के जुर्माना का प्रावधान है।
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कोट
प्रशासन इस पर नजर बनाए हुए है। इसके लिए समय-समय पर अभियान चलाकर प्लास्टिक कैरी बैग की बिक्री व उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। इसके तहत पकड़े जाने पर सरकार के प्रावधान के मुताबिक जुर्माना की वसूली भी की जा रही है।
रितेश कुमार गुप्ता, सीटी मैनेजर, नगर परिषद