बेला में एक दशक बाद गांव में वोट देकर गद्गद हुईं आधी आबादी
बांका। नक्सल प्रभावित बसमाता पंचायत अंतर्गत बेला गांव के ग्रामीणों में खुशियों का माहौल है। खासकर महिलाएं काफी खुश है।
बांका। नक्सल प्रभावित बसमाता पंचायत अंतर्गत बेला गांव के ग्रामीणों में खुशियों का माहौल है। खासकर महिलाएं काफी खुश है। कारण एक दशक बाद वहां के ग्रामीणों को गांव के स्कूल में वोट डालने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। नहीं तो उन्हें गांव से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर बसमाता पंचायत भवन आकर वोट डालना पड़ता था। जिस कारण बड़ी आबादी अपने मताधिकार के प्रयोग करने से वंचित रह जाते थे। गांव में बूथ वापसी बाद वहां के मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उक्त गांव में कुल मतदाताओं की संख्या 1859 है। जिसमें 1068 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।ग्रामीणों ने स्थानीय व जिला प्रशासन से विधायक एवं पंचायत चुनाव में भी बूथ यथावत रखने की अपील की है।
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19 बीएएन 25
गांव के स्कूल में लंबे समय बाद बूथ वापसी की खबर सुनी तो काफी काफी खुशी हुई। सुबह उठकर सबसे पहले मतदान केंद्र गई और वोट डाली। स्थानीय व जिला प्रशासन से अपील है कि सभी चुनाव में बूथ यथावत रखा जाए।
प्रमिला कुमारी
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बूथ वापसी बाद 10 किलोमीटर सफर तय करने का झंझट खत्म हो गया है। गांव के स्कूल में बूथ रहने बाद सभी परिजन मिलकर वोट डालने गए। लंबी दूरी कारण हमलोग मताधिकार के प्रयोग से वंचित रह जाती थी।
उर्मिला देवी, मतदाता
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झूठमूठ का नक्सल प्रभावित बूथ का बहाना बना 10 किलोमीटर दूर बसमाता कर दिया गया था। जिस कारण बड़ी आबादी वोट देने से वंचित रहते थे। जिसमें खासकर महिलाएं और बुजुर्ग मतदाता शामिल थे।इस बार गांव में बूथ वापसी हुआ तो सभी ने बढ़ चढ़कर वोट डाला।
गुड़िया देवी, मतदाता
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एक दशक बाद गांव के मतदान केंद्र पर वोट डालने की तमन्ना पूरी हुई। इसके लिए स्थानीय व जिला प्रशासन धन्यवाद के पात्र हैं। मतदानकर्मियों को भी ग्रामीणों का पूर्ण सहयोग मिला। जिस कारण वे गद्गद होकर गए। उम्मीद है कि हर चुनाव में भी बूथ यथावत रहेगा।
मुन्नी देवी, मतदाता