जिसके पास कुछ नहीं वह पैदा करेंगे टकराव
औरंगाबाद। चुनाव की अधिसूचना शीघ्र ही घोषित होने वाली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब पूरे चुना
औरंगाबाद। चुनाव की अधिसूचना शीघ्र ही घोषित होने वाली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब पूरे चुनावी मूड में आ गये हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण करने हसपुरा पहुंचे तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जमकर बरसे। कहा कि भारत का जो भूगोल है पता नहीं अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं होते तो कैसा होता। राजे रजवाड़े स्वतंत्र होने के लिए स्वतंत्र थे। जो नक्शा सौंप कर वे गये हैं वह प्रेम, सद्भाव, भाईचारा से आगे बढे़गा। टकराव से कोई देश आगे नहीं बढ़ा है। सीएम ने कहा कि हिंदु मुस्लिम, सिख, इसाई, पारसी, स्त्री पुरुष सबकी एकजुटता से देश आगे बढे़गा। जिनके पास कुछ नहीं है वे टकराव पैदा करेंगे, वोट का ध्रुवीकरण कर जीतने की कोशिश करेंगे, इनसे आगाह कर रहा हूं। कहा कि पद की गरिमा के अनुरुप नरेंद्र मोदी का व्यवहार और शब्द चयन नहीं है। कहा कि भागलपुर में 25 साल का हिसाब माग रहे थे। अरे भाई हम तो 2006 से हर साल हिसाब दे रहे हैं। अपने कार्यकाल का एक चौथाई समय बीता देने के बाद आप क्यों नहीं हिसाब दे रहे हैं। मत दीजिए, जनता सब हिसाब कर देगी। सवा लाख करोड़ के पैकेज पर कहा कि हम आपसे अधिक हिसाब जानते हैं, आर्यभट्ट की धरती से हैं। जब बोले तो मैं चुप था, किंतु कुछ ने कहा कि इतना बोल गये नहीं जवाब देना उचित नहीं होगा तब बोले। सवा लाख करोड़ में मात्र दस हजार करोड़ नया है। कालाधन सौ दिन में लाने की घोषणा थी, क्या हुआ। जब सवाल उठाया तो जनधन खाता खोला। 17 करोड़ खाता में आधा बंद हो गया है। कैसे चालू होगा? जब 15 लाख देना था हर व्यक्ति को तो 15-20 हजार ही इन खातों में डाल दें तो गरीबों का कल्याण हो जायेगा। अब तो बंद खाताधारकों को न सडक दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा न ही उन्हें पाच हजार ओवर ड्राफ्ट की सुविधा। क्या फायदा ऐसा खाते का। कहा कि किसानों के लिए उपज लागत में 50 फीसद मुनाफा जोड़कर समर्थन मूल्य घोषित करने को कहा था, क्या हुआ? दो करोड़ रोजगार देने को कहा था, बहाली पर प्रतिबंध लगा दिया। देश में जनवरी 2015 तक मात्र दो लाख रोजगार सृजन हुआ। कहा कि बिहार देश में अकेला प्रदेश है जिसने औसतन दस फीसद सालाना विकास दर हासिल किया है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम बदल दिया और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना कर दी। पहले राज्य को दस फीसद देना था अब चालीस फीसद देना है। बचाया पैसा विज्ञापन में खर्च कर रहे हैं।