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देखते ही देखते खुशी का माहौल गम में बदला

औरंगाबाद। दाउदनगर की होली इस वर्ष दुखदायी रहा। गुरुवार को काला दिन साबित हुआ। होली के दिन जहां हो

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 06:27 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 06:27 PM (IST)
देखते ही देखते खुशी का माहौल गम में बदला
देखते ही देखते खुशी का माहौल गम में बदला

औरंगाबाद। दाउदनगर की होली इस वर्ष दुखदायी रहा। गुरुवार को काला दिन साबित हुआ। होली के दिन जहां होली की खुशियां मना रहे थे वहीं दोपहर के बाद खुशी गम में बदल गई। नहर में डूबने से पांच होनहार छात्रों के मौत की सूचना जैसे ही शहर में फैली, जो भी सुना अस्पताल की ओर दौड़ पड़ा। शहर में लोग होली के उमंग में डूबे थे, उसी दौरान अचानक दोपहर में युवकों के डूबने की खबर फैली और आसपास के ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए नहर में कूदकर युवकों को बचाने का भरपूर प्रयास किया। पांचों युवकों को निकाल लिया गया लेकिन तब तक इनकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचते ही युवकों को मृत घोषित कर दिया गया। देखते ही देखते होली की खुशियां मातम के माहौल में बदल गई। एक ओर जहां पांच घरों में उनके घर की उम्मीदें खत्म हो गई थी तो दूसरी तरफ मर्माहत कर देने वाली इस घटना से शहर ने होली की उमंग को गम के माहौल में बदल दिया। हर कोई इस घटना पर शोकाकुल था। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसर रहा। पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। हर मुहल्ला व हर परिवार दुखी हो गया। सूचना पर दाउदनगर थानाध्यक्ष अभय कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर मुकेश भगत, शेखर सौरभ, मो. अरमान, सीओ स्नेहलता कुमारी समेत काफी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंच गए। मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश जताया और तत्काल मुआवजा राशि देने की मांग की। स्थानीय लोगों की मांग थी कि मृतक के परिवार को अस्पताल परिसर में मुआवजा दिया जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम कराया जाए। प्रशासन ने इन दोनों मांगों को मान लिया जिसके बाद लोग शांत हुए। एसडीपीओ राजकुमार तिवारी ने डीएम से बात की और डीएम की अनुमति मिलने के बाद सदर अस्पताल औरंगाबाद से चिकित्सकों की टीम ने पीएचसी में पहुंचकर मृतकों के शव का पोस्टमार्टम किया। ओबरा विधायक वीरेंद्र कुमार सिन्हा, दाउदनगर एसडीओ अनीस अख्तर, बीडीओ जफर इमाम समेत अन्य पदाधिकारी पहुंच गए। आक्रोशित ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया और सभी अस्पताल परिसर में बैठे रहे। मृतक के परिजनों को चार- चार लाख रुपये मुआवजा राशि का चेक दिया गया। नहर के गड्ढे में डूबने से हुई मौत

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घटना के बाद शहर में चर्चा का दौर थम नही रहा है। चारो तरफ गम व गुस्सा है। कुछ लोग इसे प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा मान रहे हैं। कई लोगों का कहना था कि जेसीबी द्वारा नहर में गड्ढा खोदा गया जिससे नहर की सतह में कई स्थानों पर कुआं जैसी स्थिति हो गई है, जिसकी जानकारी आम लोगों को नहीं है। हो सकता है कि जानकारी के अभाव में युवक उस स्थान पर जाकर फंस गए हों और डूबने से उनकी मौत हो गई हो। सवाल उठाते हुए कहा कि यदि जेसीबी से नहर में इस तरह के गड्ढे खोदे गए तो उसे रहने क्यों दिया और यदि रहने दिया तो इंडिकेशन क्यों नहीं लगाया। लोगों का कहना है कि नहर में इतना अधिक पानी नहीं था कि बच्चे डूब जाएं। ऐसे में सिचाई विभाग की लापरवाही से बच्चों की जान गई है।सोशल मीडिया पर भी शोक संवेदना जताने और प्रशासनिक लापरवाही बताने का दौर जारी रहा।


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