शिक्षकों को क्षमतावान बनाने के लिए दिया प्रशिक्षण
अंबा बीआरसी भवन में बुधवार को शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम एनआइएसएचटीएचए (विद्यालय प्रधानों एवं शिक्षकों की उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल) का द्वितीय सत्र का शुभारंभ किया गया। उद्घाटन बीईओ राज नारायण राय एसआरपी चंद्रशेखर प्रसाद साहू केआरपी अनिल कुमार जितेंद्र कुमार सिन्हा सुमंत कुमार उज्जवल रंजन एवं बीआरपी विकास कुमार विश्वास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
अंबा बीआरसी भवन में बुधवार को शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम एनआइएसएचटीएचए (विद्यालय प्रधानों एवं शिक्षकों की उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल) का द्वितीय सत्र का शुभारंभ किया गया। उद्घाटन बीईओ राज नारायण राय, एसआरपी चंद्रशेखर प्रसाद साहू, केआरपी अनिल कुमार, जितेंद्र कुमार सिन्हा, सुमंत कुमार, उज्जवल रंजन एवं बीआरपी विकास कुमार विश्वास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
बीईओ ने कहा कि यह प्रशिक्षण शिक्षकों के समग्र विकास के लिए है। यह शिक्षकों को क्षमतावान और ऊर्जावान बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं एनसीईआरटी का संयुक्त राष्ट्रीय पहल है। प्रशिक्षण में मनोयोग से भाग लेना चाहिए एवं यहां सीखी गई बातों को विद्यालय में उतारना चाहिए। प्रशिक्षण के पहले दिन एसआरपी चंद्रशेखर प्रसाद साहू ने विद्यालय शिक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे पहल पर विस्तृत चर्चा किया। कहा कि इस राष्ट्रीय पहल में जहां विद्यालय के बुनियादी ढांचा को मजबूत किया जा रहा है। शिक्षकों का क्षमता संवर्धन किया जा रहा है। विद्यालय में आधारभूत आवश्यकताओं के लिए कंपोजिट ग्रांट दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पुस्तकालय एवं खेल सामग्री के लिए राशि दी जा रही है। शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीक का इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है, जिससे अधिगम रोचक एवं आनंददायक हो जाता है। बच्चों को प्री वोकेशनल एजुकेशन के अलावा उन्हें प्रक्रिया आधारित अधिगम में शामिल किया जाना है। विद्यालय में समावेशी शिक्षा के अतिरिक्त सामाजिक एवं जेंडर भेदभाव को रहित शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। हम शिक्षकों को निष्ठा और सजगता के साथ विद्यार्थियों के अधिगम स्तर में सुधार करना चाहिए। प्रशिक्षक जितेंद्र कुमार सिन्हा एवं अनिल कुमार ने समावेशी शिक्षा पर चर्चा किया। समावेशी शिक्षा के अंतर्गत केवल निशक्त बच्चे ही नहीं आते हैं बल्कि इसमें सामाजिक, आर्थिक एवं बौद्धिक रूप से पिछड़े हुए बच्चों को शामिल करना है। समावेशी शिक्षा आधारित कई गतिविधियां भी कराई गई। प्रशिक्षक सुमंत कुमार एवं उज्जवल रंजन ने विद्यालय पाठ्यचर्या एवं अधिगम प्रतिफल पर चर्चा किया।