डीईओ का आदेश नहीं मान रहे शिक्षक, वरीय के रहते कनीय स्कूलों के प्रभार में
जिले में शिक्षा विभाग का हाल बेहाल है। यह विभाग ऑक्सीजन के भरोसे चल रहा है। अधिकारी नियमों का पालन नहीं करते। मनमर्जी से काम करते हैं।
औरंगाबाद। जिले में शिक्षा विभाग का हाल बेहाल है। यह विभाग ऑक्सीजन के भरोसे चल रहा है। विभाग में तैनात अधिकारी नियम से नहीं काम करते हैं। स्थिति अराजकता वाली बनी हुई है। अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर विभाग का संचालन कर रहे हैं। अपने मर्जी से विद्यालयों में शिक्षकों को प्रभार दे रहे हैं। बता दें कि अधिकतर विद्यालयों में वरीय की जगह कनीय शिक्षक प्रभार में हैं। वे ही विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। कई विद्यालयों में तो वरीय शिक्षक को हटाकर कनीय को ही प्रभारी बना दिया गया है। अधिकारियों के इस रवैया के कारण शिक्षा व्यवस्था बदहाली के कगार पर पहुंच गया है। अधिकारी विभाग के नहीं अपने हित की बात सोचते हैं। बीईओ नहीं दे रहे डीईओ को रिपोर्ट
कई गांवों के ग्रामीणों की शिकायत के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यासागर ने 19 दिसंबर को सभी बीइओ से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में यह मांगी था कि सभी प्रखंड के कितने विद्यालयों में कनीय शिक्षक विद्यालय में प्रभार लेकर बैठे हुए हैं, कितने विद्यालय में वरीय का प्रभार छिना गया है। सभी बीइओ से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगा गया था। परंतु तीन महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक नहीं दिया गया। इस एवज में डीइओ के द्वारा कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। इससे साफ स्पष्ट हो रही है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी नियम नहीं बल्कि अपनी मर्जी से कार्य कर रहे हैं। शैक्षणिक माहौल हो रहा खराब
कनीय-वरीय शिक्षकों का विवाद होने के कारण विद्यालय में शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। दो शिक्षक आपस में प्रभार को लेकर लड़ रहे हैं। जिसका असर शिक्षा पर पड़ रहा है। यह सब देखते हुए भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। -----------------------------
बीईओ को अंतिम अल्टीमेटम दे दिया गया है। अगर वे जल्द रिपोर्ट नहीं सौंपते है तो उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
विद्यासागर सिंह, डीईओ
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- कनीय व वरीय की रिपोर्ट अब तक डीइओ को नहीं दे सके बीईओ
- सभी बीईओ पर कार्रवाई के लिए डीईओ कर रहे तैयारी