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    बाबाधाम का रूप ले रहा देवकुंडधाम

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    Updated: Tue, 09 Aug 2016 03:03 AM (IST)

    औरंगाबाद। हसपुरा में सावन के तीसरी सोमवारी को देवकुंड धाम स्थित बाबा दुधेश्वरनाथ मंदिर में श् ...और पढ़ें

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    औरंगाबाद। हसपुरा में सावन के तीसरी सोमवारी को देवकुंड धाम स्थित बाबा दुधेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं एवं कांवरियों की भीड़ रही। पूरे दिन भक्तों का तांता लगा रहा। बोल बम का नारा है, बाबा एक सहारा है और हर-हर महादेव के नारा से वातावरण गुंजायमान रहा। महंत कन्हैयानंदपुरी द्वारा मेला में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को तकलीफ न हो इसको लेकर अलग-अलग कतार बनाया गया था। थानाध्यक्ष पवन कुमार के नेतृत्व में पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है। बता दें कि दुधेश्वनाथ मंदिर देवकुंडधाम के नाम से प्रख्यात है। यह स्थान धीरे-धीरे बैद्यनाथ धाम का रुप लेता जा रहा है। पटना से गंगा जल के साथ कावर लेकर शिवभक्त जल चढ़ाने पहुंचते हैं। देवकुंड धाम का इतिहास पुराना है। देवकुंड मठ भी पुराना है। इसका स्थान देश एवं प्रदेश के मानचित्रों पर है। यहां शिवलिंग के अलावा देव स्थल एवं पाच हजार वर्ष पूर्व स्थापित कुंड है जिस कारण इसका नाम देवकुंड पड़ा। दुधेश्वरनाथ मंदिर के समीप ही च्यवन ऋषि द्वारा निर्मित एक पवित्र सरोवर है जहां सावन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं। तीसरे सोमवार को यहां बाबा के जयघोष से देवकुंड गूंजायमान रहा। अरवल से जल चढ़ाने पहुंचे सुनील कुमार, गया जिले के कोच थाना के ददरेजी से अनुज कुमार, अमोल कुमार, तेलपा से पहुंचे मनोज प्रसाद ने हम सुबह ही बाबा के दर्शन के लिए लाइन में खड़े हैं। वैसे देवकुंड की चर्चा पद्मपुराण, आनंद रामायण, वायु पुराण समेत कई धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। ब्रह्मापुत्र महर्षि भृगु के आत्मज च्यवन ऋषि यहां तपस्या करने पहुंचे थे। भृगु को उत्पन्न करने वाली पांच हजार वर्ष पूर्व स्थापित कुंड इसका सबल प्रमाण है। आज भी कुंड में अनवरत अग्नि प्रज्वलित होते रहता है। वायु पुराण के अनुसार देवकुंड में ही च्यवन ऋषि का आश्रम माना गया है। आनंद रामायण के अनुसार उसी समय भगवान रामचंद्र जी ने कर्मनाशा नदी पार करके देवकुंड आए तथा तालाब में स्नान कर च्यवन ऋषि का दर्शन शिवलिंग की स्थापना की। भगवान विश्वकर्मा ने दुधेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण कराया। पं. लालमोहन शास्त्री बताते हैं कि देवकुंड में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है परंतु दुर्भाग्य है कि प्रख्यात होते हुए देवकुंड धाम पर पर्यटन विभाग की नजर अबतक नहीं पड़ी।

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    निगरानी को सीसीटीवी कैमरा

    सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था से श्रद्धालुओं को सुविधा हो रही है। कैमरे की वजह से चोरों तथा अश्लील हरकत करने वाले चोर उचक्कों की दाल नहीं गल पा रही है। थानाध्यक्ष पवन कुमार के नेतृत्व में पुलिस की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त कर दी गई है। चारों तरफ चौकसी बढ़ा दी गई है।

    महिला पुलिस की है व्यवस्था

    इस बार प्रत्येक सोमवार को देखते हुए महिला पुलिस की व्यवस्था की गई है। थानाध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए महिला पुलिस को लगाया गया है।

    ऐसे आते कांवरिया देवकुंडधाम

    यहां बाबा धाम की तरह कावरिया गाय घाट से जल लेकर पैदल यात्रा कर देवकुंड पहुंचते हैं। कावरियों को पटना से परसा से पुनपुन होते हुए नीमा, मसौढ़ी, करौना, जहानाबाद, नेहालपुर, झुनाठी, किंजर, शांतिपुरम, इमामगंज, करपी, तेलपा होते हुए देवकुंड 99 किमी पैदल दूरी यात्रा कर यहां पहुंचते हैं।