स्वामी विवेकानंद जयंती: दिल और दिमाग की टकराव में दिल की सुनो
स्वामी विवेकानंद की जयंती पर कार्यक्रम की धूम रही। शहर के दिवाकर कॉलोनी में भाजपा नेता बिनोद शर्मा के आवास विवेकानंद की जयंती कार्यक्रम आयोजित कर की गई। अध्यक्षता एवं संचालन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने किया।
औरंगाबाद। स्वामी विवेकानंद की जयंती पर कार्यक्रम की धूम रही। शहर के दिवाकर कॉलोनी में भाजपा नेता बिनोद शर्मा के आवास विवेकानंद की जयंती कार्यक्रम आयोजित कर की गई। अध्यक्षता एवं संचालन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने किया। संबोधित करते हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ब्रजेंद्र सिंह, विनोद शर्मा, अविनाश कुमार, भाजपा के पूर्व जिला कोषाध्यक्ष सुशील कुमार एवं टूना गुप्ता ने विवेकानंद के विचारों पर प्रकाश डाला। कहा कि वे कहते थे दिल और दिमाग की टकराव में दिल की बातों को सुनो। उनके विचार समाज के लिए अब प्रेरक हैं। भाजपा नेता सुनील कुमार सिंह, विजय प्रसाद निराला, वशिष्ठमुनि पांडेय एवं उज्जवल कुमार ने बताया कि स्वामी विवेकानंद नाम उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था। प्राचार्य रंजना कुमारी, सचिव बिनय कुमार सिंह, प्रशासक जयकुमार सिंह ने विवेकानंद के विचारों पर प्रकाश डाला। शिक्षिका रीता सिंह, निधि सिन्हा, प्रिया सिंह, प्रियंका मिश्रा, रेणु सिंह, पायल सिंह उपस्थित रहे।
अमेरिका में विवेकानंद ने जलाई थी ज्ञान की ज्योति : डॉ. धनंजय
लॉर्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल में स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई। विद्यालय के निदेशक डॉ. धनंजय कुमार ने विवेकानंद के विचारों पर प्रकाश डालाते हुए कहा कि युवा मन, वचन और कर्म से साहसी के साथ अटल होते हैं। विपरीत परिस्थितियों में धैर्य धारण करना उनका स्वाभाविक गुण है। उन्होंने शिक्षक एवं छात्रों से विवेकानंद के विचार अपने जीवन में उतारने का आग्रह किया। बताया कि संन्यासी सा दिखने वाला 30 साल के युवा विवेकानंद ने वेदांत और जीवन दर्शन का ज्ञान देकर पूरे विश्व को चमत्कृत कर दिया। अमेरिका में तीन वर्षों तक रुककर भारतीय ज्ञान की ज्योति जलाई। प्राचार्य संतोष श्रीवास्तव ने छात्रों को बताया कि स्वामी विवेकानंद ने अखिल विश्व में सनातन संस्कृति को फैलाया और भारतीय जीवन दर्शन की महत्ता को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठापित किया। संयोजक दिलीप कुमार पंकज ने विवेकानंद को आध्यात्मिक मूल्यों का प्रखर उद्घोषक एवं भारतीय संस्कृति का संवाहक बताया। कहा कि जीवन में बहुत छोटी-छोटी बातें होती हैं जो हमारे व्यक्तित्व को सबके सामने प्रस्तुत करती हैं। हमें उन बातों पर सर्वाधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। शिक्षक नरेंद्र कुमार, एसके सिंह, योगेंद्र राय, संजीत पांडेय एवं रजनीश कुमार ने संबोधित किया।