किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने वाली है स्ट्राबेरी की खेती : डा. संगीता
औरंगाबाद। आधुनिक कृषि में सब्जी एवं औषधीय गुणों से भरपूर स्ट्राबेरी की खेती किसानों के लिए अत्यंत लाभप्रद है। ये बात केवीके सिरीस की उद्यान वैज्ञानिक डा. संगीता मेहता ने कही। शुक्रवार को प्रखंड के चिल्हकी बिगहा गांव के बधार में रूलर एग्रीकल्चर वर्क एक्सपेरिमेंट प्रोग्राम के तहत साईं नाथ यूनिवर्सिटी रांची के विद्यार्थी को प्रशिक्षण दे रही थीं। उ
औरंगाबाद। आधुनिक कृषि में सब्जी एवं औषधीय गुणों से भरपूर स्ट्राबेरी की खेती किसानों के लिए अत्यंत लाभप्रद है। ये बात केवीके सिरीस की उद्यान वैज्ञानिक डा. संगीता मेहता ने कही। शुक्रवार को प्रखंड के चिल्हकी बिगहा गांव के बधार में रूलर एग्रीकल्चर वर्क एक्सपेरिमेंट प्रोग्राम के तहत साईं नाथ यूनिवर्सिटी रांची के विद्यार्थी को प्रशिक्षण दे रही थीं। उन्होंने कहा, स्ट्राबेरी की खेती किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न व समृद्ध बनाने वाली है। वर्तमान समय में व्यापक पैमाने पर अंबा में इसकी खेती की जा रही है। फसल के उत्पादन से किसानों के साथ-साथ व्यवसायियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार का अवसर मिल रहा है। उद्यान वैज्ञानिक ने प्रशिक्षण के क्रम में छात्रों को महाराष्ट्र के पूणे से पौधा मंगाने, खेत की तैयारी, रोपाई, खरपतवार नियंत्रण, ड्रीप एरिगेशन, म्लिचींग, जैविक उर्वरक का प्रयोग, फलो की तोराई, पैकिग, भंडारण से लेकर बिक्री तक के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कहा कि स्ट्राबेरी का फल सॉल्स, दवा, सौंदर्य प्रसाधन एवं खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है। आज स्थानीय बाजार से ले पूरे प्रदेश व अन्य राज्यों में स्ट्राबेरी की मांग बढ़ी है। इसकी खेती को देखने के लिए आले अधिकारी से लेकर सूबे के सीएम नीतीश कुमार खेत तक पहुंच चुके हैं। प्रशिक्षण के दौरान डा मेहता ने ड्रैगन फ्रूट व अन्य कई तरह की सब्जी की खेती के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। प्रशिक्षण के लिए आए प्रशिक्षणार्थियो को स्ट्राबेरी उत्पादक बृजकिशोर मेहता ने फसल लगे खेतों में घुमाकर दिखाया। उन्होंने कहा कि स्ट्राबेरी कम समय में अधिक फल देता है। सरकार स्ट्राबेरी की खेती को बढ़ावा देने के लिए जोर दे रही है। फिलहाल इस वर्ष से उत्पादकों के लिए सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। मौके पर वाईसीक्यू रूमम कुमारी तथा साईं नाथ यूनिवर्सिटी रांची,इलाहाबाद यूनिवर्सिटी यूपी तथा जगन्नाथ यूनिवर्सिटी जयपुर राजस्थान के दर्जनों विद्यार्थी मौजूद थे।