खेती बचाने को बचाना होगा पुरानी सोन नहर प्रणाली
प्रखंड के मनार के राजनडीह गांव में अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा किसान जन कन्वेंशन का आयोजन कामता प्रसाद यादव की अध्यक्षता में किया
औरंगाबाद। प्रखंड के मनार के राजनडीह गांव में अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा किसान जन कन्वेंशन का आयोजन कामता प्रसाद यादव की अध्यक्षता में किया गया। संचालन भुनेश्वर उर्फ मुन्ना मेहता ने किया। ओबरा के पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार के केंद्र की सत्ता में आने के बाद पूरे देश भर में बैंकों और महाजनों के कर्ज से खेती घाटे में चली गई है। खेती बचाने के लिए और सिचाई के संसाधनों को बचाने के लिए भारत की सबसे पुरानी सोन नहर प्रणाली को बर्बाद होने से बचाना होगा। इसका एकमात्र उपाय इंद्रपुरी जलाशय (पहले कदवन डैम) का निर्माण करना है। 1990 के जनवरी में तत्कालीन बिहार सरकार ने गठबंधन का शिलान्यास दक्षिण बिहार को सूखे से बचाने के लिए किया था। वह काम अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है। इस वर्ष रोपनी के सीजन में पूरा वर्षा भाव रहा। नहरों के ऊपरी इलाकों में जैसे-तैसे रोपनी होती गई। बिहार का अधिकांश दक्षिणी क्षेत्र का हिस्सा सूखे की चपेट में आ गया। अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य परिषद सदस्य जनार्दन प्रसाद सिंह ने कहा कि यह सम्मेलन इसलिए कराया जा रहा है कि किसान अपने किसानी को बचाने के लिए एकजुट हों और फरवरी महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घेराव कार्यक्रम को सफल बनाएं। सम्मेलन को भाकपा माले के प्रखंड सचिव मदन प्रजापति, हसपुरा प्रखंड सचिव चंद्रमा पासवान, टाउन सचिव बिरजू चौधरी, किसान नेता बामदेव सिंह सहित ने संबोधित किया। ललन यादव, श्रीकांत पांडेय, मनोज मेहता, राजेंद्र मेहता, इंद्रजीत सिंह, अलकारी देवी, चंद्रमणि देवी, नरेंद्र कुमार, लालदेव यादव, सत्यनारायण यादव, सकलदेव चौधरी उपस्थित रहे।