Aurangabad News: पितृ पक्ष में पिता का तर्पण करने गए बेटे की सोन नदी में डूबने से हुई मौत
पितृपक्ष में पिता को तर्पण देने पहुंचे बेटे की सोन नदी में डूबने से मौत हो गई। लोगों ने बताया कि सोन नदी में अवैध तरीके से बालू खनन किया गया है। इससे कई जगह गड्ढे बन गए हैं।
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। पितृ पक्ष में स्वर्गीय पिता को तर्पण देने की परंपरा का निर्वहन करने सोन में गए पुत्र की गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई। घटना रविवार अहले सुबह की है। दबगर टोली वार्ड संख्या 20 जगन मोड़ निवासी किशोरी राम के पुत्र मनोज कुमार पितृ पक्ष में 15 दिन से अपने स्वर्गीय पिता को पानी देने की परंपरा का निर्वहन करने सोन में स्नान करने जाते थे। रविवार की सुबह वैसा ही कर रहे थे कि अचानक सोन की पेट में बने गड्ढे में डूब गए और मौत हो गई।
मौत का कारण सोन के पेट में बालू के अवैध तरीके से हो रहे उत्खनन के कारण बना गड्ढा है। इसी तरह के गड्ढे में जितिया के दिन तीन बच्चों की डूबने से मौत हुई थी। इसके बावजूद प्रशासन बालू के खनन के अवैध तरीके पर नियंत्रण पाने का प्रयास करता नहीं दिख रहा और ना ही इस मामले में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है।
लोगों की कोशिश हुई असफल
दाउदनगर के लोग प्रतिदिन सुबह सोन टहलने जाते हैं। जब मनोज डूबने लगे तो काफी लोग बचाने की कोशिश की, लेकिन इसी बीच यह बात भी सामने आई कि वह गड्ढे में डूब रहा है, इसलिए किसी की हिम्मत नहीं हुई। यदि गड्ढा नहीं रहा होता तो यहां टहलने वाले लोग उन्हें बचाने में शायद कामयाब हो जाते।
घटना की सूचना के बाद प्रभारी अंचल अधिकारी मनोज कुमार और प्रभारी थानाध्यक्ष गिरेंद्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। शव की तलाश के लिए गोताखोर लगाया गया। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद शव को निकाला जा सका। कड़ी मशक्कत के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया गया।
तीन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
पूर्व मुख्य पार्षद धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी मौत से परिवार बिखर गया। उन्होंने मांग की कि सोन के पेट में बालू निकालने के लिए पोकलेन द्वारा गड्ढा कर दिया जा रहा है, जिसमें डूबने से मौत हुई। 28 साल की उम्र में पत्नी विधवा, तीन संतान संभालने की चुनौती मनोज कुमार की उम्र मात्र 32 वर्ष थी।
इनकी पत्नी सोनम देवी की उम्र लगभग 28 वर्ष है। इनका मायका हिसुआ के इस्माइलपुर में है। इनकी शादी 2016 में मनोज से हुई थी। तीन संतान हैं। दो बेटे और एक बेटी। दो साल, चार साल और पांच साल के बच्चे हैं। मनोज पर्दा और अन्य कपड़ा की देहात में जाकर फेरी किया करते थे।
इसी से अपने परिवार की आजीविका चलाते थे। इनके पिता किशोरी राम की मृत्यु वर्ष 2010 में हुई थी। पितृ पक्ष में इन्हें पानी देने के लिए प्रति दिन बीते 15 दिन से सोन जा रहे थे। 14 दिन पानी देने में सफल रहे, लेकिन 15वें दिन उनकी डूबने से मौत हो गई।