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स्कूल शर्मिदा है, शिक्षा किसी तरह जिंदा है

औरंगाबाद । मदनपुर प्रखंड का वार उच्च विद्यालय शर्मिदा है, यहां शिक्षा किसी तरह जिंदा है।

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 03:07 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 03:07 AM (IST)

औरंगाबाद । मदनपुर प्रखंड का वार उच्च विद्यालय शर्मिदा है, यहां शिक्षा किसी तरह जिंदा है। विद्यालय में बिना गुरुजी के छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। सोचा जा सकता है कि बिना शिक्षक के छात्र-छात्राएं कैसे पढ़ते होंगे। दरअसल इस विद्यालय में हिंदी, संस्कृत, भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान, गणित, इंग्लिश, उर्दू, इतिहास एवं भूगोल के शिक्षक ही नहीं हैं। शिक्षक के नहीं रहने से छात्र कैसे इन विषयों का ज्ञान प्राप्त करते होंग? विद्यालय में वर्ग 9 से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। करीब 1700 छात्र-छात्राओं का इस विद्यालय में नामांकन है। विद्यालय में 25 सेक्शन है। 25 सेक्शन के छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए मात्र 10 कमरा है। विद्यालय के छात्र-छात्राओं की माने तो हर सेक्शन के लिए एक कमरा होनी चाहिए। कमरों की कमी के कारण एक कमरे में 2 से 3 सेक्शनों की पढ़ाई होती है। छात्र रविरंजन कुमार, विकास कुमार, छात्र रेणु कुमारी ने बताया कि जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं उस विषय की पढ़ाई नहीं होती है। छात्र-छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में शिक्षा किसी तरह जिंदा है।

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कहते हैं प्रधानाध्यापक

फोटो फाइल - 23 एयूआर 02

विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामायण प्रसाद सिंह कहते हैं कि विद्यालय में मात्र 16 शिक्षक हैं, करीब 36 शिक्षकों का पद स्वीकृत है। कई विषयों के शिक्षक नहीं है। शिक्षकों के नहीं रहने से छात्र-छात्राओं को उस विषय की पढ़ाई करने में परेशानी होती है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि कम से कम 6 और कमरा होनी चाहिए तब जाकर छात्र-छात्राओं को बैठने की बेहतर व्यवस्था होगी। कमरों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को बैठने में परेशानी होती है।

कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी

जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने बताया कि विद्यालयों में नियोजन नहीं होने के कारण शिक्षकों की कमी है। नियोजन की प्रक्रिया चल रही है। वार उच्च विद्यालय के बारे में पता लगाया जाएगा कि वहां कितने शिक्षकों की जरूरत है।


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