यात्री शेड बचाने को तिरछा बन रहा नाला
औरंगाबाद। भखरुआ मोड़ पर निर्माणाधीन एनएच-9
औरंगाबाद। भखरुआ मोड़ पर निर्माणाधीन एनएच-98 के किनारे खतरनाक बन गए यात्री शेड को बचाने के लिए नाला क तीरछा निर्माण किया जा रहा है। जनता को इस पर आपत्ति है। उसने एसडीओ को आवेदन देकर इस यात्री शेड को हटाने की माग की थी। एसडीओ ने सीओ से जाच रिपोर्ट तलब की जिसमें जनता के कथन को सत्य मानते हुए कहा गया कि यात्री शेड असामाजिक तत्वों का अड्डा बना है। अब जर्जर और आधा से अधिक तोड़ दिए गए। शेड को बचाते हुए यहा तीरछा नाला निर्माण करने की कोशिश की जा रही है। गुरुवार को यहा गड्ढा खोदा गया। अब सवाल है कि यदि इसे हटाए बिना सड़क निर्माण पूरा किया जाता है तो भविष्य में सड़क दुर्घटना होने पर किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा। पदाधिकारियों को या निर्मात्री एजेंसी माटो कार्लो को। मौत के लिए कोई जिम्मेदार है भी या नहीं? सवाल उठता है कि क्या एनएच-98 पर सड़क से सटे एक जर्जर ढांचा खड़ा रहने देना उचित है? उससे एक हिस्से से आगे देखने में यात्री को समस्या होगी और इससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
क्या है मामला?
एनएच-98 पर भखरुआ से औरंगाबाद जाने के क्रम में दाहिने तरफ एक यात्री शेड करीब डेढ़ दशक पूर्व बना था। तब यह सड़क एनएच नहीं था। स्टेट हाइवे था इसलिए बना दिया गया। यातायात पर इस हद तक दबाव नहीं था। अब जब यातायात काफी बढ़ गया है तो इस स्थान पर यात्री शेड नहीं होना चाहिए। ताजा स्थिति यह है कि यहा का यात्री शेड जर्जर है और सड़क निर्मात्री एजेंसी द्वारा आधा से अधिक हिस्सा तोड़ डाला गया है। फिर भी इसे बचाने की कवायद चल रही है। श्याम बिहारी सिंह, मुकेश कुमार, भोला, मो. अयूब, भुनेश्वर प्रसाद सिंह, राजीव कुमार, सियाराम शर्मा एवं अन्य ने एसडीओ को 21 अप्रैल को आवेदन दिया है। इसमें कहा गया है कि यह यात्री शेड हमेशा ताला बंद रहता है। इसका कोई उपयोग नहीं है। एनएच 98 का चौड़ीकरण हो रहा है। इससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके रोड पर रहने के कारण सड़क दुर्घटना की प्रबल संभावना बनी रहती है। इस पर एसडीओ ने जांच के लिए सीओ को 26 अप्रैल को लिखा। उन्होंने जांच कर 30 अप्रैल 2016 को एसडीओ को रिपोर्ट भेज दी। इसमें कहा गया है कि विस्तारीकरण से यातायात बाधित हो रहा है। इसमें असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। अतिक्रमण मुक्ति हेतु इसे हटाया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। इस जाच प्रतिवेदन के बाद एसडीओ ने बीडीओ को 5 मई को लिखा कि वे जाचकर बताएं कि यह शेड किस योजना के तहत किसके आदेश से बना था। इस बीच यात्री शेड को सड़क निर्मात्री एजेंसी ने तोड़ डाला परंतु आधा अधूरा।
सीओ बोले - गलत हो रहा है
अंचल अधिकारी विनोद सिंह ने इस पूरे मामले पर कहा कि जो हो रहा है वह बहुत गलत हो रहा है। एसडीओ यदि आदेश दें तो उसे पूरा ध्वस्त किया जा सकता है।