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दो वर्ष बाद रोहित की हत्या का खुला राज

औरंगाबाद। रफीगंज थाना के खरोखर गांव निवासी रोहित कुमार की हत्या प्रेम-प्रसंग में की गई

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 05:40 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 05:40 PM (IST)
दो वर्ष बाद रोहित की हत्या का खुला राज
दो वर्ष बाद रोहित की हत्या का खुला राज

औरंगाबाद। रफीगंज थाना के खरोखर गांव निवासी रोहित कुमार की हत्या प्रेम-प्रसंग में की गई थी। हत्या के इस मामले में पुलिस ने टकरा गांव निवासी विकास यादव को गिरफ्तार किया है। विकास ने हत्या की इस घटना में अपनी संलिप्तता में स्वीकार की है। रोहित घर से बीते वर्ष 9 जुलाई 2016 को घर से निकला था और गायब हो गया था। चार माह तक परिजन प्राथमिकी के लिए थाने से लेकर एसपी कार्यालय की दौड़ लगाते रहे। एसपी के आदेश पर पुलिस ने बीते वर्ष 14 अक्टूबर 2016 को थाने में प्राथमिक दर्ज की थी। अपहरण के इस मामले में टकरा गांव के विकास कुमार एवं उसके भाई संतोष कुमार आरोपित हुए थे। पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के बाद रोहित अपहरण मामले की खुलासा करने में लगी थी। इसी दौरान इस मामले में फरार चल रहे विकास को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद विकास से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने रोहित हत्या मामले का राज खोला। विकास के अनुसार उसकी बहन से रोहित प्रेम करता था। दोनों पहले घर से फरार हुए थे। किसी तरह दोनों को बरामद किया गया था। युवती के परिजनों के द्वारा कई बार रोहित को समझाया गया था कि वह उसकी बहन का साथ छोड़ दे। मना करने के बावजूद वह प्रेम करना नहीं छोड़ा। इसी बीच युवती के दोनों भाइयों ने रोहित की हत्या करने की योजना बनाई। योजना के अनुसार जब रोहित अपने घर से अपने रिश्तेदार कासमा थाना के खैरी गांव के लिए निकला था। तभी प्रेमिका सुनीता ने उसे फोन कर मदनपुर के खिरियावां में बुलाया। जब प्रेमिका के बुलाने पर रोहित खिरियावां पहुंचा तो वहां मौजूद सुनीता के दोनों भाई विकास एवं संतोष ने अपने कुछ परिजनों के साथ उसे अपहरण कर राजा बिगहा पहाड़ पर ले गए और वहीं गला दबाकर हत्या कर दी। साक्ष्य मिटाने को लेकर शव को पहाड़ पर जला दिया। गिरफ्तार विकास ने रोहित की हत्या कर शव को पहाड़ पर जला देने की घटना में स्वयं एवं अपने भाई संतोष की संलिप्तता स्वीकार किया है। संतोष मामले में फरार चल रहा है। एसडीपीओ अनूप कुमार ने बताया कि विकास के निशानदेही पर रोहित का कंकाल बरामद करने को लेकर पुलिस पहाड़ पहुंची। परंतु कंकाल का पता नहीं चल सका। एसडीपीओ ने बताया कि मामले में फरार संतोष की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। विकास की गिरफ्तारी को गठित छापेमारी दल में थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा, दारोगा मुकेश कुमार भगत के साथ सशस्त्र बल शामिल रहे।

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