राशन कार्ड के लिए आरटीपीएस काउंटर पर भीड़
औरंगाबाद। बढ़ती जनसंख्या से आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति के लिए हर व्यक्ति को राशन कार्ड की आवश्यकता है
औरंगाबाद। बढ़ती जनसंख्या से आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति के लिए हर व्यक्ति को राशन कार्ड की आवश्यकता है। पिछले दो वर्ष पूर्व बिहार सरकार ने जो आर्थिक सर्वेक्षण कराए थे उसकी असफलता से नागरिकों में आक्रोश चरम पर था। सर्वेक्षकों ने सभी स्थितियां उलट कर रख दिया था। जिन लोगों को लाभार्थी होना चाहिए था वे आर्थिक जनगणना में अलग हो चुके थे। सरकार ने राशन कार्ड बनवाने का एक अवसर फिर लोगों को दिया है जिससे हर व्यक्ति में इसे बनवाएं जाने की ललक उफान पर है। खासकर घर की महिलाएं धूप और प्यास की परवाह किए बगैर दिनभर आरटीपीएस काउंटर पर अपनी बारी का इंतजार करती हैं। आरटीपीएस काउंटर पर सिर्फ तीन खिड़कियों पर आवेदन लिए जा रहे हैं जबकि एक काउंटर पर हजारों लोगों की भीड़ दिख जाती है। यहां प्रशासनिक अव्यवस्था झलकती है। चापाकल पर प्यासे हजारों लोग
प्रखंड कार्यालय परिसर में सिर्फ एक चापाकल पानी उगल रहा है। बाकी चापाकल या तो सूख चुके हैं अथवा विभागीय लापरवाही का शिकार है। मीडिया के लोगों पर जैसे ही लोगों की नजर पड़ी सभी दौड़े हुए चापाकल पर लिखने की गुहार लगाने लगे। जब नजरें दौड़ाई गई तो स्थितियां भयावहता दिखी। इसी बीच एक चापाकल ठीक कराने पीएचईडी के अधिकारी पहुंचते हैं। जब उनसे चापाकल की मरम्मत की बात पूछी जाती है तो वे कहते हैं कि एक ही चापाकल बनने लायक है बाकी के सूख चुके हैं। वे कहते हैं कि विभाग से कहकर पानी टंकी मांगना ज्यादा ठीक रहेगा। यहां हजारों लोगों की भीड़ है और उनकी प्यास दो चापाकल से बुझाना मुश्किल होगा। काउंटर के बाहर है कड़ी धूप बचाव
अंबा में गर्मी का पारा 45 डिग्री सेंटीग्रेड के पार पहुंच गया है। गर्मी का असर इतनी गंभीर है कि छांव में खड़े लोग तपन महसूस कर रहे हैं। ऐसे में महिलाएं व बच्चे आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कड़ी धूप में खड़े रहने को विवश हैं। वहां किसी प्रकार की छांव की व्यवस्था नहीं है। नागरिक सुबह आठ बजे से ही लंबी लाइन लगाकर आरटीपीएस काउंटर खुलने का इंतजार करते हैं। दोपहर में वहां का नजारा देख आप दांतों तले उंगली दबाने को विवश हो जाएंगे। भीषण गर्मी व धूप के बावजूद लोग वहां से हटने को तैयार नहीं हैं क्योंकि वे जानते हैं कि राशनकार्ड बनवाने की तय सीमा गुजर जाने पर वे इससे वंचित रह जाएंगे। आम नागरिकों की सुविधा से अधिकारी को ¨चता नहीं
आरटीपीएस काउंटर पर उमड़ी भीड़ तथा बढ़ी गर्मी में प्रमाण पत्र बनवाने की विवशता प्रत्येक लोगों में है। हर जगह भीड़ इतनी कि तय समय सीमा में प्रमाण पत्र बनवा पाना असहज। इन सब के बाद भी जिले के अधिकारी अथवा प्रखंड के अधिकारी इसके प्रति असंवेदनशील नीति अपनाए हुए हैं। कड़ी धूप में दस मिनट भी रह पाना जहां मुश्किल है वहां नागरिक घंटों लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। काउंटर के बाहर प्लास्टिक का कर्कट लगा है जिससे गर्मी और अधिक तीव्र रूप में नीचे की ओर आती है। अधिकारी कमरे में बैठ कर यह नजारा देखा करते हैं। पानी की मांग नागरिक एक सप्ताह पूर्व से करते आए पर इसकी व्यवस्था अब तक नहीं की जा सकी है। समय में बदलाव कर बनाएं जाएं प्रमाण पत्र
शरीर जलाने वाली गर्मी तथा हर किसी को प्रमाण पत्र बनवाने की आवश्यकता से लोग परेशान हैं। लोगों को मानना है कि बढ़ी हुई गर्मी को देखते हुए जिला प्रशासन को मार्निंग में आरटीपीएस कार्यालय खोले जाने का आदेश देना चाहिए। वैसे नाम न छापने की शर्त पर कुछ अधिकारियों ने भी बढ़ी गर्मी को देखते हुए कार्यालय को मार्निंग कर देने की बात कहते हैं। अधिकारी कहते हैं कि जिस तरह की गर्मी पड़ रही है इसमें कार्यालय कार्य से बाहर निकल पाना अत्यंत मुश्किल है। अगर कार्यालय मार्निंग हो जाए तो कार्य करने में भी सहूलियत होगी।