नारकीय जीवन जी रहे हैं रेलकर्मी
औरंगाबाद । नगर पंचायत एवं रेल प्रशासन के चक्रव्यूह में फंसकर रेलकर्मी अपने आवास में नारकीय जी
औरंगाबाद । नगर पंचायत एवं रेल प्रशासन के चक्रव्यूह में फंसकर रेलकर्मी अपने आवास में नारकीय जीवन व्यतीत करने को विवश हैं। नाम नहीं छापने के शर्त पर रेल कर्मी बताते हैं कि हम लोग अपनी व्यथा उच्च अधिकारियों के पास रख नहीं पाते हैं, क्योंकि शिकायत पर सजा मिलती है। रेलवे स्टेशन एवं नगर पंचायत की सीमा के बीच क्वार्टर है। नगर पंचायत की सीमा से ठीक सटे बड़ा नाला है जिसका वर्षो से उड़ाही नहीं हो सकी है। उड़ाही नहीं होने के कारण पानी का निकासी लगभग बंद है जिस कारण नाले एवं स्टेशन का पानी रेलवे क्वार्टर के बीच में जम जाता है। मुसलाधार बारिश होने के बाद पानी नहीं निकलने के कारण रेल क्वार्टरों में एक-एक फीट पानी भर जाता है। बरसात के दिनों में रेल कर्मी हमेशा बारिश की आशंका से अच्छी तरह से सो नहीं पाते हैं जिस कारण उनकी कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है। स्टेशन अधीक्षक एसके पांडेय ने बताया कि नाला में नगर पंचायत का पानी गिरता है तथा नगर पंचायत द्वारा ही नाले को जाम कर दिया जाता है। वहीं नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी मो. शहाब यहया ने बताया कि नगर पंचायत द्वारा नाले की सफाई कराई जाती है। लेकिन दोनों के बयानबाजी के बाद भी रेल परिसर का सफाई एवं नाले का संपूर्ण उड़ाही नहीं होने के कारण रेलकर्मी नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं।