बाजार में धड़ल्ले से हो रहा पॉलीथिन का उपयोग
पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पाबंदी पर उठने वाला शोर काफी हद तक मंद चुका है। पॉलीथिन के उपयोग पर लगे प्रतिबंध के बावजूद इसका उपयोग नहीं रूका है।
औरंगाबाद। पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पाबंदी पर उठने वाला शोर काफी हद तक मंद पड़ चुका है। पॉलीथिन के उपयोग पर लगे प्रतिबंध के बावजूद इसका उपयोग नहीं रूका है। प्लास्टिक कैरी बैग का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। 23 दिसंबर 2018 से पॉलीथिन कैरी बैग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उस समय प्लास्टिक बैग का उपयोग नहीं करने तथा इससे संभावित खतरे की जानकारी नगर परिषद द्वारा कैंडल मार्च, डोर-टू-डोर कैंपेन, प्रभात फेरी, कार्यशाला सहित माध्यमों से पहले ही दी जा चुकी है। बावजूद, इसका असर न तो लोगों पर दिखा और न ही दुकानदारों पर रहा। सब्जी विक्रेता, थोक और खुदरा विक्रेता के साथ-साथ फेरीवाले भी इसका उपयोग बेखौफ कर रहे हैं। आज भी छोटे-बड़े व्यापारी प्रशासन के निर्देश को ठेंगा दिखा रहे हैं। आम जनमानस में भी प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर अच्छी पहल नहीं हुई है। लोग भी प्लास्टिक के उपयोग से परहेज नहीं कर रहे हैं। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर सब्जी वाले प्लास्टिक के बैग में ही सब्जियां बेचते देखे जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि जांच अभियान नहीं चलाया गया हो। नगर परिषद की टीम द्वारा औचक निरीक्षण कर जांच भी की जा रही है। दाउदनगर में इसका असर देखा जा रहा था। लोग प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल न के बराबर कर रहे थे पर थोड़ी ढील मिलते ही फिर लोग शुरू हो गए। बीच-बीच में अभियान चलाया जाता है तो कुछ दिन बंद रहता है उसके कुछ दिन बाद फिर चालू हो जाते हैं। बीच-बीच में चलता है जांच अभियान जब जांच अभियान चलाया जाता है तो कुछ दिन लोग सतर्क रहते हैं प्लास्टिक कैरी बैग का प्रयोग नहीं करते हैं फिर जब थोड़ी ढील मिलते ही शुरू हो जाते हैं। बीच-बीच में नगर परिषद द्वारा नगर कार्यपालक पदाधिकारी जमाल अख्तर अंसारी के नेतृत्व में पॉलीथिन कैरी बैग के खिलाफ दाउदनगर शहर में अभियान चलाया जाता रहा है। औचक जांच के दौरान जो पॉलीथिन कैरी बैग का इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है जुर्माना लगाया जाता है। बताया गया कि नगर निकाय क्षेत्र में पॉलीथिन कैरी बैग पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसका इस्तेमाल पकड़े जाने पर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जाएगा। खुद से करनी होगी पहल कुछ समय पहले प्रशासन द्वारा पॉलीथिन के खिलाफ चलाए गए अभियान के चलते दुकानदारों ने पॉलीथिन में सामान देना बंद कर दिया था। दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर इसका इस्तेमाल बंद कर दिया था, ग्राहकों से कहते थे कि पॉलीथिन में सामान नहीं दिया जाएगा या सामान रखने के लिए पॉलीथिन न मांगे। ऐसे में लोग घरों से थैले लेकर जाते थे या फिर दुकानदार की ओर से कागज के लिफाफों में सामान दिया जाने लगा था। लोगो को प्रशासन की सख्ती से नहीं खुद से इसे न कहनी होगी तभी यह अभियान सफल हो पाएगा। जब तक प्रशासनिक अधिकारी पॉलीथिन का प्रयोग रोकने के लिए इच्छा शक्ति तथा जनता जागरुकता नहीं दिखाएगी। तब तक इस पर रोक लगना मुश्किल है।