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दो वर्ष बीत गए नहीं मिला नल से जल

हर घर नल से जल योजना की शुरुआत जनवरी 2016 में हुई थी। लक्ष्य था कि हर घर के लोगों को

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 04:19 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 04:19 PM (IST)
दो वर्ष बीत गए नहीं मिला नल से जल

हर घर नल से जल योजना की शुरुआत जनवरी 2016 में हुई थी। लक्ष्य था कि हर घर के लोगों को जल मिले। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच थी कि ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना न पड़े। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को उनके घर में नल से जल उपलब्ध कराना था।

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दम तोड़ रही योजना

योजना का हाल यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर दम तोड़ रही है। विभागीय आंकड़ों की माने तो हर घर नल से जल के लिए 11 प्रखंडों के 204 पंचायतों के 2487 वार्ड का चयन किया गया था। 2487 वार्ड के सभी घरों में नल से जल पहुंचाना था। ढाई वर्ष से भी ज्यादा बीत गए परंतु मात्र 276 वार्डों के घर में ही नल से जल पहुंच पाया।

नवीनगर प्रखंड की सबसे बुरी स्थिति

सबसे बदतर स्थिति नवीनगर प्रखंड की है। प्रखंड में सबसे ज्यादा पंचायत एवं वार्ड है। नवीनगर के 25 पंचायत के 322 वार्ड में से मात्र 24 वार्डों के ग्रामीणों के घर नल से जल पहुंच सका। इस पर न तो अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि। अगर स्थिति यही रही तो कार्य सिर्फ फाइलों में ही पूरा होगा।

हर कदम पर है परेशानी

औरंगाबाद प्रखंड के पोइवां पंचायत के मुखिया रंजन कुमार उर्फ बाबू ने बताया कि हर घर नल से जल योजना के कार्य में हर कदम पर परेशानी है। एक वार्ड में दो गांव हैं और गांव की दूरी दो किलोमीटर है। एक वार्ड में एक ही बो¨रग कराना है। सोचा जा सकता है कि एक बो¨रग से दो किलोमीटर दूर तक पानी कैसे पहुंचेगा। कहा कि सरकार को चाहिए कि हर गांव में एक बो¨रग कराए। इस संबंध में सभी मुखिया अधिकारी से मिल चुके हैं परंतु इसका कोई निदान नहीं निकल सका है।

पंचायतों में योजना का हाल बेहाल

हर घर नल से जल योजना का हाल बेहाल है। ढाई वर्ष कार्य के बीत गए परंतु स्थिति सामान्य है। दाउदनगर के 15 पंचायतों के 198 वार्डों में से मात्र 25 वार्डों को हर घर नल से जल योजना से जोड़ा गया है। मदनपुर के 18 पंचायत के 126 वार्डों में से 14, औरंगाबाद के 15 पंचायत के 177 वार्डों में से 21, नवीनगर के 25 पंचायत के 257 वार्डों में से 24, देव के 16 पंचायत के 131 वार्डों में से 14, बारुण के 17 पंचायत के 181 वार्डों में से 32, रफीगंज के 23 पंचायत के 105 वार्डों में से 18, कुटुंबा के 20 पंचायत के 216 वार्डों में से 22, गोह के 20 पंचायत के 219 वार्डों में से 33, हसपुरा के 14 पंचायत के 152 वार्डों में से 34, दाउदनगर के 15 पंचायत के 158 वार्डों में से 25 एवं ओबरा के 20 पंचायत के 126 वार्डों में से मात्र 14 वार्डों के ग्रामीणों को नल से जल नसीब हो सका है।

पंचायत प्रतिनिधि नहीं ले रहे रुचि

सरकार एवं अधिकारी कार्य में तेजी चाहते हैं परंतु पंचायत प्रतिनिधि रुचि नहीं ले रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों के कारण सरकार की योजनाएं फ्लाप साबित हो रही है। सरकार ने कई योजनाएं चला रखी है परंतु कोई भी योजना धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है। हर घर नल से जल योजना का हालात बदतर है। इस योजना में विकास कम पैसों की लूट ज्यादा है। कई पंचायतों में मुखिया ने कार्य कराने से पहले पैसे की निकासी कर ली है। योजना में लूट मचा हुआ है। पैसों की बंदरबांट की जा रही है। मुखिया, पंचायत सचिव एवं वार्ड सदस्य के विवाद में योजना दम तोड़ रही है।

क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पंचायत को

हर घर नल का जल योजना को क्रियान्वयन की जिम्मेदारी मुखिया, पंचायत सचिव एवं वार्ड सदस्य को दी गई है। वार्ड क्रियान्वयन समिति को कार्य कराना है जिस कारण विवाद हो गया है। मुखिया योजना में रुचि नहीं ले रहे हैं। कमीशन के विवाद में योजना फंसा हुआ है।

हर घर नल से जल योजना के कार्य में परेशानी आई है। संसाधन के कमी से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बो¨रग कराने वाली मशीन बहुत कम है। किसी तरह काम चलाया जा रहा है। मजदूरों की समस्या है। हमेशा समीक्षा की जा रही है। पहले की अपेक्षा कार्य में तेजी आई है।

संजीव ¨सह, डीडीसी, औरंगाबाद।


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