Aurangabad: सड़क पर तड़प रहे घायलों को चिराग पासवान ने भेजा अस्पताल, मरीज बोला- समय पर न आते तो चली जाती जान
Aurangabad चिराग ने हादसे के बाद सड़क पर तड़प रहे टेंपो चालक मनीष कुमार समेत चार को अस्पताल पहुंचाकर इलाज कराया। अगर घायल समय से अस्पताल नहीं पहुंचते तो उनकी जान भी जा सकती थी। वो झारखंड के गढ़वा से औरंगाबाद के रास्ते पटना लौट रहे थे।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई के सांसद चिराग पासवान ने राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक अच्छा नागरिक होने का भी परिचय दिया है।
बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट का नारा देने वाले चिराग रविवार की रात औरंगाबाद जिले के ओबरा थाना क्षेत्र के शंकरपुर पेट्रोल पंप के पास दुर्घटना में घायल टेंपो चालक समेत चार को अस्पताल पहुंचा "गुड सेमेरिटन" बन गए हैं।
सड़क पर तड़प रहे थे घायल
चिराग ने सड़क पर तड़प रहे टेंपो चालक मनीष कुमार समेत चार को अस्पताल पहुंचा इलाज कराया। अगर घायल समय से अस्पताल नहीं पहुंचते तो उनकी जान भी जा सकती थी। चिराग पासवान झारखंड के गढ़वा से औरंगाबाद के रास्ते पटना लौट रहे थे।
ट्रक-टेंपो की हुई थी टक्कर
औरंगाबाद-पटना मुख्य मार्ग पर रात करीब नौ बजे ट्रक-टेंपो की टक्कर में ओबरा थाना क्षेत्र के सिहुड़ी गांव निवासी सुनील यादव के पुत्र टेंपो चालक मनीष कुमार, मदनपुर थाना क्षेत्र के आंजन गांव निवासी अक्षय कुमार, उनकी पत्नी रेणु देवी एवं पुत्री रंजू कुमारी घायल हो गए।
ये सभी टेंपो पर सवार थे। चालक मनीष का पैर टूट गया था और वो सड़क पर तड़प रहा था। दुर्घटना के कुछ ही देर बाद चिराग का काफिला इसी रास्ते से गुजर रहा था। लोजपा के प्रदेश महासचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जैसे ही चिराग की नजर सड़क पर छटपटा रहे घायलों पर पड़ी तो उन्होंने अपने वाहन को रोक दिया।
वाहन से उतरकर सड़क पर तड़प रहे मनीष के पास पहुंच गए। सभी को वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओबरा पहुंचाया। घायलों की स्थिति गंभीर थी जिस कारण ओबरा अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराने के बाद सभी को बेहतर इलाज के लिए कार्यकर्ताओं के साथ सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया।
चिराग न आते तो चली जाती जान- घायल
उन्होंने कार्यकर्ताओं को घायलों का बेहतर इलाज कराने का निर्देश दिया। घायल टेंपो चालक की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। सदर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
घायल मनीष ने बताया कि अगर चिराग पासवान समय से अस्पताल नहीं पहुंचाते तो मेरी जान चली जाती। चिराग के इस मानवीय कार्य की चर्चा सोमवार को जिले में होती रही।
गुड सेमेरिटन योजना को जानें
जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार दास ने बताया कि केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय ने गुड सेमेरिटन योजना चलाई है। इसके तहत दुर्घटना के गोल्डेन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले को पांच हजार रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र पुरस्कार के तौर पर दिया जाता है।