भगवान महावीर ने जियो और जीने दो का दिया था संदेश
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पर मंगलवार को शहर में शोभायात्रा निकाली गई। जैन मंदिर से निकली शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से भ्रमण करते हुए
औरंगाबाद। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पर मंगलवार को शहर में शोभायात्रा निकाली गई। जैन मंदिर से निकली शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से भ्रमण करते हुए अदरी नदी तट पहुंची। यहां से वापस जैन मंदिर पहुंचा जहां महावीर की पूजा-अर्चना की गई। उनके संदेश को प्रचारित किया गया है। कन्हैया लाल जैन, सुरेंद्र जैन, महेंद्र बांकीवाल एवं महावीर प्रसाद सेठी ने महावीर के संदेश को बताया। कहा कि उन्होंने समाज को संदेश दिया कि अहिसा सबसे बड़ा धर्म है। स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मनों से क्या लड़ना। खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है। भगवान महावीर ने कहा था- आत्मा अकेले आती है, अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है, न कोई उसका मित्र बनता है। सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिसा है। प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। प्रत्येक जीव स्वतंत्र है, कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता है। कन्हैया लाल जैन ने कहा कि उन्होंने हमेशा जियो और जीने दो का संदेश दिया। अपने हर भक्त को अहिसा, सत्य, अक्षत, ब्रह्मचार्य और स्वत्व त्याग का पालन करने को कहा। महावीर जयंती पर जैन मंदिर में उत्साह का माहौल रहा। सुबह में मरीजों के बीच फल वितरण, दोपहर में दरिद्र नारायण भोज एवं शाम में आरती के साथ प्रसाद वितरण किया गया। शिखरचंद गंगवाल, डा. ओमप्रकाश सोमी, प्रेमलता जैन, सुरभी जैन, गुणमाला जैन, मंजू, श्वेता जैन, नगर परिषद अध्यक्ष उदय गुप्ता, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि चुलबुल सिंह उपस्थित रहे।