कतेया सूर्यमंदिर में लगती है भीड़
बारुण प्रखंड के कतेया तालाब के तट पर भगवान भाष्कर की मंदिर भक्तों के आस्था का केंद्र है
बारुण प्रखंड के कतेया तालाब के तट पर भगवान भाष्कर की मंदिर भक्तों के आस्था का केंद्र है। यहां काफी संख्या में व्रती तालाब में स्नान करने के बाद अर्घ्य देते हैं। तालाब में स्नान करने के बाद व्रती भगवान भाष्कर के मंदिर में पूजा कर आशीर्वाद लेते हैं। सूर्य मंदिर 25 वर्ष पुराना है। 110 वर्षीय रामखेलावन भगत, पूर्व मुखिया जगनारायण ¨सह, सुरेंद्र ¨सह, शिक्षक उदय ¨सह, अशोक प्रसाद की माने तो इस मंदिर का निर्माण गांव के भगन साव ने 20 वर्ष पहले कराया था। उन्होंने अपना जमीन दान दिया और सभी के सहयोग से मंदिर का निर्माण हो सका। भगन साव ने तालाब का निर्माण कराया। तालाब का सौंदर्यीकरण गांव के ई. सत्येंद्र नारायण ¨सह ने कराया। ऐसे सभी ग्रामीणों की सहयोग से मंदिर का निर्माण हुआ परंतु पूर्व मुखिया जगनारायण ¨सह, ई. सत्येंद्र नारायण ¨सह, रामखेलावन भगत, अशोक प्रसाद, उदय ¨सह, सुरेंद्र ¨सह ने सहयोग किया। छठ के मौके पर गांव के नवयुवक संघ पूजा कमेटी के सदस्य विशेष रूप से व्यवस्था करते हैं। छठ व्रतियों को किसी प्रकार का परेशानी न हो इसका ख्याल रखते हैं। बड़ी संख्या में ग्रामीण छठव्रती पहुंचते हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। मंदिर का रंगरोगन कार्य कराया जा रहा है। आयुष रंजन उर्फ रवि ने बताया कि इस बार छठ पूजा के मौके पर दानवीर कर्ण एवं फेक दो कलम एवं उठा लो बंदूक नामक नाटक का मंचन किया जाएगा। ग्रामीणों की माने तो यहां मखरा, रामपुर, कझवां, धर्मपुरा एवं तेलडीहा के छठव्रती पहुंचते हैं। ऐसे भी छठ के मौके पर मुस्लिम संप्रदाय के लोग भी सहभागिता निभाते हैं। छठ के मौके पर होने वाले रंगारंग कार्यक्रम में पाठ लेकर अपनी कला को प्रदर्शित करते हैं।