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तमाम बाध्यताओं व जानकारी के अभाव में बालू नहीं खरीद पा रहे आमजन

बारुण (औरंगाबाद)। राज्य सरकार के निर्देश पर जिला खनन विभाग ने स्टाक बालू को बेचने की कार्रवाई गुरुवार से शुरू कर दी है लेकिन कोई खरीदार सामने नहीं आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 10:58 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 10:58 PM (IST)
तमाम बाध्यताओं व जानकारी के अभाव में बालू नहीं खरीद पा रहे आमजन
तमाम बाध्यताओं व जानकारी के अभाव में बालू नहीं खरीद पा रहे आमजन

बारुण (औरंगाबाद)। राज्य सरकार के निर्देश पर जिला खनन विभाग ने स्टाक बालू को बेचने की कार्रवाई तो गुरुवार से शुरू कर दी, पर महंगी दर और खरीद के लिए तमाम बाध्यताओं के कारण आमजन बालू नहीं खरीद पा रहे हैं। जो बालू बिका है, वह सरकारी निर्माण एजेंसियों ने ही खरीदा है। इसके साथ लोगों को जानकारी का भी अभाव है। इस स्थिति में पांचवें दिन भी केशव घाट पर एक भी चालान नहीं कट सका। इससे एक सीएफटी भी बालू नहीं बिका।

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गुरुवार से अब तक 2350 सीएफटी बालू की बिक्री हुई है, जो भी बालू बिका है, उसे सरकारी निर्माण कार्य कराने वाले ठीकेदारों ने खरीदा है। पांच दिनों में बिके बालू से 92 हजार 825 रुपये का राजस्व मिला है। बालू खरीदारी की पड़ताल करने पर पता चला कि सरकार द्वारा दोगुनी कीमत कर देने और खरीदारी के लिए डिमांड ड्राफ्ट बनवाने के झमेले के कारण लोग खरीद नहीं कर पा रहे हैं। अधिक दाम का असर मकान निर्माण कार्य पर दिख रहा है। लोग मकान का निर्माण बंद कर रखे हैं और खनन शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। इससे निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।

सरकार के निर्देश पर केशव घाट पर बिक रहा बालू :

जिला प्रशासन के आदेश पर बारुण के केशव घाट का बालू बेचा जा रहा है। यहां तैनात सीओ राणा अक्षय प्रताप ने कहा, सोमवार को अबतक एक सीएफटी भी बालू नहीं बिका है। कहा कि अब तक 2350 सीएफटी बालू बिका है। जो बालू बिका है, वह रिसियप थाने के निर्माण कार्य के लिए ले जाया गया है। पुलिस निर्माण निगम व पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने खरीद की है। बालू घाट पर सीओ की निगरानी में एक आपरेटर और कर्मचारी तैनात है। कहते हैं दुकानदार :

दुकानदार मनोज गुप्ता व नीरज गुप्ता ने कहा कि सरकार ने बालू की दर पहले से दोगुनी कर दी है। इसके अलावा डीडी बनवाना अनिवार्य कर दिया है। इसी कारण आमजन बालू की खरीद नहीं कर पा रहे हैं। कहा कि आमजन द्वारा बालू की खरीद नहीं करने से सीमेंट, गिट्टी व सरिया की बिक्री कम हो गई है। दुकानदारों को इस कारण दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। बारुण के संजीव कुमार उर्फ पिकू सिंह ने कहा, बालू और निर्माण सामग्री की महंगाई से निजी लोगों को मकान का निर्माण करना मुश्किल हो गया है। बालू की ऊंची कीमत के कारण लोग छतों की ढलाई नहीं कर पा रहे हैं। इससे निर्माण सामग्री भी खराब हो रही है। प्रति 100 सीएफटी बालू की कीमत 3950 रुपये :

बालू घाट पर सरकार ने प्रति 100 सीएफटी बालू की कीमत 3950 रुपये तय की है। इसके साथ अन्य खर्च के अलावा बैंक से चार डीडी भी बनवाना है। इसमें भाड़ा और लोडिग शामिल नहीं है। अगर सभी शामिल कर दें तो 100 सीएफटी बालू को खरीदने में करीब 6000 रुपये लग जा रहा है। बताया गया कि एक साल पहले 1800 से 2000 में तक ट्राली बालू 100 सीएफटी मिल जाता था। कहते हैं जिला खनन पदाधिकारी :

जिला खनन पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि बालू की दर सरकार ने तय की है। बालू का पर्याप्त स्टाक है। जिसे बालू लेना है, वे खरीद के लिए बनाए गए नियमों के तहत खरीद कर सकते हैं।


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