हर्षित प्रकाश हत्याकांड में पति-पत्नी गए जेल
औरंगाबाद। हसपुरा थाना के धमनी गांव निवासी हर्षित प्रकाश उर्फ मोना हत्याकांड में पुलिस ने
औरंगाबाद। हसपुरा थाना के धमनी गांव निवासी हर्षित प्रकाश उर्फ मोना हत्याकांड में पुलिस ने प्रेमिका के साथ उसके पति कमलेश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यहां बता दें कि खत्री टोला में हर्षित की हत्या कमलेश ने देव स्थित अपने घर में की थी। हत्या के बाद शव को ईट से बांधकर बोरा में डालकर कुएं में फेंक दिया था। एसडीपीओ राजकुमार तिवारी ने रविवार को इस हत्याकांड का खुलासा प्रेस कांफ्रेस में किया है। बताया कि वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान में हत्या के रहस्य से पर्दा उठाया गया। देव थाना के दत्तु बिगहा निवासी कमलेश यादव ने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। हत्या में शामिल अपने साथियों के नाम बताया है जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। कमलेश के साथ उसकी पत्नी यानि कि हर्षित प्रकाश के प्रेमिका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मृतक एवं उसके प्रेमिका के मोबाइल को पुलिस खोज रही है। बताया जाता है कि कमलेश ने हत्या के बाद दोनों मोबाइल को उसी कुआं में फेंक दिया है जिसमें शव फेंका था। एसडीपीओ ने बताया कि कुआं से पानी की निकासी की जा रही है। मोबाइल शीघ्र बरामद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक की जांच में हर्षित प्रकाश के दोस्तों का दोष कहीं नहीं आया है। दोस्त हत्या में शामिल नहीं थे। सच्चाई यह है कि हर्षित प्रकाश के कहने पर ही दोस्त देव गए थे। नामजद अभियुक्तों के खिलाफ अब तक कोई साक्ष्य नहीं आया है।
दोस्तों से पूछताछ में हत्या का खुला राज
एसडीपीओ ने बताया कि बीते 13 नवंबर से गायब हर्षित प्रकाश के मामले में 15 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई। कांड में नामजद बने दोस्तों में से चार दोस्तों को पुलिस ने थाने लाकर पूछताछ शुरू की है। पूछताछ के क्रम में दोस्तों ने बताया कि हर्षित 10 नवंबर से ही देव चलने की बात कह रहा था। 13 नवंबर को जब मृतक की मां सोन नदी से अर्घ्य देकर लौट रही थी तो काली मंदिर के पास से मृतक समेत कुल छह युवक तीन बाइक पर सवार होकर देव के लिए रवाना हुए। बाइक को बेलसारा मोड़ पर खड़ाकर देव हॉस्पिटल रोड होते हुए दत्तू बिगहा गांव के पास पहुंचे। प्रेमिका के घर से करीब 50 मीटर की दूरी पर मृतक के दोस्त रूक गए और हर्षित यह बोलकर चला गया कि वह अपनी प्रेमिका से मिलकर आ रहा है। आधा घंटे बाद नहीं लौटने के बाद जब फोन लगाया गया तो उसका फोन बंद बता रहा था। जिसके बाद उसके दोस्तों की बेचैनी बढ़ गई। देव छठ मेला में खोजबीन करने के बाद अगले दिन सुबह में सभी दोस्त वापस दाउदनगर आ गए और किसी दूसरे के माध्यम से मृतक के मामा को खबर भेजा। एसडीपीओ ने बताया कि मृतक के परिजनों ने देव जाकर मामले की छानबीन की। एफआईआर दर्ज होने के बाद मृतक और उसके दोस्तों के मोबाइल का ट्रेस निकलवाया गया। मृतक के दूसरे मोबाइल नंबर पर लड़की से लगातार बात हो रही थी। जब यह बात साबित हो गई कि युवक के साथ किसी अनहोनी घटना को महिला के घरवालों द्वारा कर दी गई है। तब 16 नवंबर की रात्रि कमलेश यादव को पकड़ कर दाउदनगर थाना लाया गया और जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने हत्या की बात स्वीकार। पुलिस को बताया कि उसने मुंह और गला दबाकर 13 नवंबर की रात में ही अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हर्षित प्रकाश उर्फ मोना की हत्या कर दी है। हर्षित देव पहुंचने के बाद घर से सटे अरहर के खेत में जैसे ही अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचा और उसके सहयोगियों ने उसे पकड़ लिया।
कमलेश ने पत्नी को दिया था कॉल रिकॉर्डर मोबाइल
एसडीपीओ ने बताया कि हर्षित प्रकाश और उसकी प्रेमिका का प्रेम विवाह के पहले से चल रहा था। जब प्रेमिका की शादी हो गई तब भी बात होती रही। प्रेमिका के पति कमलेश यादव को अपनी पत्नी पर शक हुआ तो उसने अपनी पत्नी को कॉल रिकॉर्डर वाला मोबाइल दिया। मृतक और उसकी प्रेमिका के बीच हुई बातचीत का रिकॉर्ड सुनने के बाद उसे पता चल गया कि दोनों के बीच अवैध संबंध है। कमलेश ने पुलिस को बताया कि जब वह अपने ससुराल दाउदनगर आता था, तो दो-तीन बार मृतक और उसके अन्य सहयोगियों द्वारा उसका पीछा किया जाने लगा। जान मारने की धमकी भी दी जाने लगी। तब उसके दिमाग में हत्या का ख्याल आया और उसने अपनी पत्नी पर दबाव बनाकर उसके माध्यम से हर्षित प्रकाश उर्फ मोना को देव बुलाया और उसकी निर्मम हत्या कर दी। प्रेस वार्ता में दाउदनगर थानाध्यक्ष अभय कुमार ¨सह, सब इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सिन्हा, शेखर सौरभ एवं अर¨वद कुमार उपस्थित रहे।