कांजी हाउस में मछली मार्केट बनकर तैयार
खुलेआम मछली और मुर्गा की बिक्री का विरोध अक्सर होता आया है। अभी मुख्य पथ स्थित नगरपालिका मार्केट (मछली मार्केट) में मछली और मुर्गा
औरंगाबाद। खुलेआम मछली और मुर्गा की बिक्री का विरोध अक्सर होता रहा है। अभी मुख्य पथ स्थित नगरपालिका मार्केट (मछली मार्केट) में मछली और मुर्गा की दुकानें हैं जिसे वहां से हटाने की मांग शहरवासियों के द्वारा बहुत पहले से उठाई जा रही है। इसी मांग को लेकर नगर परिषद कार्यालय रोड में स्थित कांजी हाउस की जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराकर मार्केट का निर्माण कराया गया। वार्ड संख्या- 12 में जहां पहले कांजी हाउस था, वहीं लगभग 19 लाख की राशि के लागत से मछली मार्केट बनकर तैयार है। हैरानी की बात यह है कि मार्केट बनने के बावजूद अभी तक दुकानें यहां नहीं आ पाई है। 16 दुकान का हुआ है निर्माण
बाजार स्थित मुर्गा एवं मछली की दुकानें वार्ड संख्या- 12 स्थित कांजी हाउस में शिफ्ट कराने हेतु मीट, मछली, मुर्गा मार्केट निर्माण का टेंडर निकलने के बाद तेज गति से कार्य कर दुकानें बनाई गई। संवेदक जियाउल रहमान ने बताया कि मार्केट निर्माण की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद जमीन का समतलीकरण कराते हुए इसमें 16 दुकान का निर्माण किया गया है। मार्केट पूरी तरह बनकर तैयार है। बताया कि अभी तो उनका बिल भुगतान भी लंबित है। श्रद्धालुओं को होती है परेशानी
विदित हो कि मुख्य बाजार स्थित नगरपालिका मार्केट में मछली की दुकानें और उसके आसपास सड़क पर किनारे में मुर्गा की दुकानें लगती है, जिससे आमलोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मछली और मुर्गा दुकानदारों द्वारा उसके अवशेष सड़क किनारे ही नाली में फेंक दिए जाते हैं, जिससे दुर्गंध निकलता है। बगल में हनुमान मंदिर है जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। इससे परेशान होकर स्थानीय नागरिकों द्वारा लंबे समय से वह स्थान से मछली और मुर्गा दुकान हटाने की मांग उठाई जाती रही है। पिछले नगर पंचायत बोर्ड ने कांजी हाउस की जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराकर उस पर मीट, मुर्गा, मछली मार्केट निर्माण की योजना स्वीकृत की थी, जिसकी लागत राशि करीब 19 लाख रुपये है। अब मार्केट का निर्माण हो चुका है, अगर शीघ्र इसमें दुकानें शिफ्ट करा दिया जाएगा, तो लोगों की शिकायत दूर हो जाएगी। आने जाने वाले शाकाहारी लोगो को अब दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि यह मार्केट मुख्य सड़क से अंदर के तरफ है। क्या कहते हैं अधिकारी
कार्यपालक पदाधिकारी जमाल अख्तर का कहना है कि शीघ्र दुकानें यहां शिफ्ट कर दी जाएगी। संवेदक का भुगतान भी अभी लंबित है। कुछ प्रक्रिया अभी बाकी है उसके बाद दुकानें शिफ्ट कर दिया जाएगा।