बारिश से किसानों के चेहरे पर आई थोड़ी मुस्कान
शनिवार की रात्रि हल्की से बारिश से किसानों के चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कान आई है लेकिन मौसम की बेरुखी से किसान अब भी चितित हैं। हालांकि बारिश
औरंगाबाद। शनिवार की रात्रि हल्की से बारिश से किसानों के चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कान आई है, लेकिन मौसम की बेरुखी से किसान अब भी चितित हैं। हालांकि बारिश से मक्का और धान के बिचड़े को थोड़ी राहत मिली है। मौसम की बेरुखी ने किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें खींच दी है। बारिश न होने से धान के बिचड़ा के खेतों में दरारें उभर आई है। मक्का का पौधा भी सूखने लगा है। किसान दिन-रात मेहनत कर मक्के के खेती बचाने में लगे हैं। किसान आशीष सिंह, अरविद सिंह, विनोद सिंह, नंदू चंद्रवंशी, गया प्रसाद, उदय प्रसाद, रिटू सिंह, प्रदीप सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष समय से बारिश हुई थी तो धान की उपच भी बेहतर हुआ था। उम्मीद था कि इस वर्ष बारिश समय से होगी जिसका लाभ किसानों को मिलेगा परंतु ऐसा नहीं हुआ। मौसम ने ऐन वक्त पर दगा दे दिया। बारिश नहीं हो रही है। सावन में खेतों में धूल उड़ रही है। किसान बेचैन हैँ। वे कभी आसमान तो कभी नहर निहार रहे हैं। पानी कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। सुबह से शाम तक किसान पानी का इंतजार करते हैं। वे आसमान निहारते रहते हैं कि शायद आज बारिश हो। बेरी पंचायत के पंचायत समिति सदस्य हरिद्वार सिंह चंद्रवंशी बताते हैं कि इस वर्ष वर्षा समय से नहीं हो पाई जिस कारण किसान चितित हैं। अब तक खेतों में धान रोपनी नहीं हुई है। बारिश के इंतजार में किसान बेचैन हैं। अगर दो-चार दिन और बारिश नहीं होगी तो धान रोपनी नहीं पाएगी। खेतों में लगी मक्का की फसल भी सूख जाएगी।