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वेतन को लेकर नियोजित शिक्षकों ने डीइओ कार्यालय का किया घेराव

औरंगाबाद। वेतन के लिए बुधवार को मदनपुर प्रखंड के नियोजित शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) कार्यालय का घेराव किया। कार्यालय कक्ष में वेतन को लेकर नारेबाजी की और वेतन भुगतान की मांग की। डीइओ कार्यालय में मौजूद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) स्थापना रामजी पासवान के समक्ष शिक्षकों ने वेतन को लेकर आक्रोशपूर्ण रवैया अपनाते हुए कहा कि काम का वेतन शीघ्र भुगतान की जाए। रवि कुमार संजय सुमन सुजीत कुमार गुप्ता कामेश्वर कुमार समेत अन्य शिक्षकों ने कहा कि वर्ष 2013 -14 में प्रखंड शिक्षक के रुप में बहाली हुई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 05:56 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 07:03 PM (IST)
वेतन को लेकर नियोजित शिक्षकों ने डीइओ कार्यालय का किया घेराव

औरंगाबाद। वेतन के लिए बुधवार को मदनपुर प्रखंड के नियोजित शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) कार्यालय का घेराव किया। कार्यालय कक्ष में वेतन को लेकर नारेबाजी की और वेतन भुगतान की मांग की। डीइओ कार्यालय में मौजूद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) स्थापना रामजी पासवान के समक्ष शिक्षकों ने वेतन को लेकर आक्रोशपूर्ण रवैया अपनाते हुए कहा कि काम का वेतन शीघ्र भुगतान की जाए। रवि कुमार, संजय सुमन, सुजीत कुमार गुप्ता, कामेश्वर कुमार समेत अन्य शिक्षकों ने कहा कि वर्ष 2013 -14 में प्रखंड शिक्षक के रुप में बहाली हुई है। बहाली के बाद नियोजन के खिलाफ गलत तरीके से की गई शिकायत के बाद उस समय के डीपीओ स्थापना के निर्देश पर नियोजन इकाई के द्वारा नियोजित शिक्षकों को कार्य से मुक्त कर दिया गया था। नियोजन इकाई के खिलाफ नियोजित शिक्षक जिला अपीलीय प्राधिकार में वाद दायर किया और 2016 में शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया गया। फैसला के बाद शिक्षकों को विद्यालय में योगदान कराया गया पर वेतन शिक्षा विभाग कार्यालय से करना है जो आजतक नहीं किया जा रहा है। राज्य अपिलिय प्राधिकार ने भी नियोजन को गलत नहीं पाया है। जिला अपिलिय प्राधिकार के आदेश के बावजूद वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों ने कहा कि विद्यालय में पढ़ा रहे हैं, कोरोना की ड्यूटी कर रहे हैं, चुनाव कार्य में लगाए जा रहे हैं, सरकार के सभी कार्यों में लगाए जा रहे ड्यूटी कर रहे हैं पर वेतन क्यों नहीं नहीं दिया जा रहा है। शिक्षकों ने डीपीओ स्थापना से सवाल करते हुए कहा कि कोरोना की ड्यूटी में अगर किसी शिक्षकों के साथ कुछ हादसा हो जाता है तो फिर शिक्षक के परिवार के समक्ष क्या हाल होगा। कहा कि चुनाव कार्य के दौरान भी अगर कुछ मामला हो जाता है तो शिक्षक के परिवार के समक्ष क्या गुजरेगा इसका जवाब दिजिए। शिक्षकों ने कहा कि अगर काम ली जा रही है तो वेतन क्यों नहीं दी जा रही है। जबकि चार माह का वेतन का भुगतान पूर्व में की गई है। डीपीओ स्थापना ने एक सप्ताह का समय मांगा। ओबरा से पहुंचे शिक्षकों ने भी किया हंगामा

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ओबरा से पहुंचे शिक्षकों ने भी डीइओ कार्यालय में डीपीओ स्थापना के समक्ष वेतन को लेकर नारेबाजी की। देवकली विद्यालय के शिक्षक कुमार राजीव बिमल बहादुर सिंह ने कहा कि डीपीओ स्थापना के द्वारा 22 शिक्षकों का बिना कारण वेतन दो माह से बंद कर दिया गया है। जून माह तक वेतन का भुगतान किया गया है। शिक्षकों ने वेतन भुगतान के लिए डीपीओ स्थापना के समक्ष रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। हालांकि डीपीओ ने रिश्वत मांगने से इंकार किया। नारेबाजी करते हुए शिक्षकों ने कहा कि डीइओ कार्यालय से क्यों चले गए। उन्हें शिक्षकों को वेतन के संबंध में जवाब देना होगा।


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