बिजली को लेकर धरना पर बैठे ग्रामीण
संवाद सूत्र, नवीनगर (औरंगाबाद) : बिजली न मिलने से बेचैन नौ गांव के ग्रामीणों ने सोमवार दूसर
संवाद सूत्र, नवीनगर (औरंगाबाद) : बिजली न मिलने से बेचैन नौ गांव के ग्रामीणों ने सोमवार दूसरे दिन भी भारतीय रेल बिजली कंपनी गेट (बीआरबीसीएल) पर धरना दिया। मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। कहा कि जब तक हमें बिजली नहीं मिलेगी आंदोलन चलता रहेगा। विस्थापित सह प्रभावित नौ गांवों के किसानों को पांच दिनों से बिजली नहीं मिल रही है। बिजली न देने का कारण भी नहीं बताया जा रहा है। प्रभावित किसानों ने कहा कि बीते सात वर्षो से बिजली आपूर्ति में कोई समस्या नहीं हुई। अचानक विद्युत आपूर्ति बाधित कर दी गई। बिजली न रहने के कारण पेयजल के लिए हाहाकार मचा है। पानी के लिए किसान बेचैन हैं। धरना पर बैठे किसानों ने प्रबंधन एवं प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने बताया कि हम विस्थापित किसानों को एनटीपीसी भूमि अधिग्रहण से पूर्व निशुल्क बिजली शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पेयजल का प्रलोभन देकर जमीन को अधिग्रिहत कर लिया गया, लेकिन अब सभी किसानों को बिजली आपूर्ति काटकर आंदोलन करने को बाध्य किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाया, लेकिन कोई समस्या सुनने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा। धरना पर खैरा, नारायणपुर, सुरार, गोगरा बांध, सलया, खदहा, एगहारा,केरका एवं मंगाबार गांव के ग्रामीण बैठे हैँ। सभी ने कहा कि गांधीजी के आंदोलन करो या मरो के नीति पर प्रारंभ किए हैं। बीआरबीसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस शिवकुमार ने बताया कि हम बिजली उत्पादन करते हैं, हमारा काम बिजली देना नहीं है। बिजली उत्पादन कर मैं नेशनल ग्रीड के माध्यम से केंद्र एवं राज्य सरकार को देंगे। केंद्र एवं राज्य सरकार नीति निर्धारण कर बिजली की सप्लाई करती है। ग्रामीणों को किस तरह बिजली मिलेगा यह हमें पता नहीं है। ग्रामीणों के द्वारा अवैध तरीके से बिजली जलाया जा रहा है जबकि ग्रामीणों का कहना है कि जमीन लेने के समय मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया था।