शहर में खोजने से भी नहीं मिलता है फुटपाथ
शहर में वैसे तो कई समस्याएं हैं पर सबसे बड़ी समस्या शहर में सार्वजनिक शौचालय एवं उससे भी
शहर में वैसे तो कई समस्याएं हैं पर सबसे बड़ी समस्या शहर में सार्वजनिक शौचालय एवं उससे भी बड़ी समस्या जाम की है। शहर में हर दिन का हाल है कि जगह-जगह जाम लगा रहता है। मुख्य बाजार के एसबीआइ के पास जाम तो दूसरा भखरुआं मोड़ की जाम। भखरुआं मोड़ को शहर के हृदय स्थल बोला जाता है, लेकिन दुर्भाग्य से यह देहाती क्षेत्र में आता है। भखरुआं मोड़ नगर परिषद से बाहर तरारी ग्राम पंचायत का हिस्सा शहर के सबसे व्यस्त चौराहा है। इसी चौराहे से एक सड़क दाउदनगर बाजार की ओर जाती है। है तो बिल्कुल चकाचक, लेकिन पूरी तरह अस्त-व्यस्त रहता है। सुबह से लेकर रात्रि के प्रारंभ होने तक सड़क व्यस्त रहती है। लोग खोजते हैं फुटपाथ कहां है? शहर में ही फुटपाथ जब गायब है तो फिर शहर होकर भी देहाती क्षेत्र का हिस्सा बने भखरुआं के इस हिस्से में फुटपाथ का सवाल ही कहां उठता है। इस बात पर हंसी छूट जाती है तो वहीं गंभीरता से विचार करने को विवशता को भी कम करता है। सब्जी मंडी यहीं है। सड़क किनारे जो हिस्सा पैदल पथ का होना चाहिए उस पर सुबह से शाम तक सब्जियों का बाजार सज जाता है। सुबह से मालवाहक वाहन खड़े होते हैं तो सड़क जाम हो जाती है। पैदल चलने की जगह नहीं बचती। इस समय छात्र-छात्राएं को¨चग या स्कूल आ-जा रहे होते हैं। उनकी जान जोखिम में होती है। क्योंकि फुटपाथ है ही नहीं। जब भी स्कूल को¨चग की छुट्टी होती है चौराहे से पश्चिम नहर पुल तक जाम हो जाता है। इसका हल फिलहाल किसी के पास नहीं है। अभी तक यही देखने व बहानेबा•ाी सुनने में आया है कि ये नगर परिषद क्षेत्र में नहीं है, अब पल्ला झाड़ने से कुछ नहीं होगा, सभी को मिलकर इसका हल निकालने पर ध्यान देना होगा। नहर पुल के आसपास रहता है अंधेरा
दाउदनगर शहर के सबसे व्यस्ततम इलाका है भखरुआं मोड़। यहां शहर के कई व्यवसायी अपना कारोबार करते हैं। सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उन्हें अपनी दुकान से घर आने में देर रात हो जाती है, पर शहर के तरफ आने वाले नहर पुल के पास अंधेरा छाया रहता है यहां एक भी लाइट नहीं है। नहर पुल के पास एक सोलर लाइट लगाने की मांग कई वर्षों से हो रहा है, पर अधिकारी कान में तेल डालकर सोए हैं। इस स्थान पर हमेशा लूटपाट का डर बना रहता है इसलिए रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। व्यसायियों का कहना है कि भखरुआं से दुकान बंद कर या कहीं बाहर से आकर शहर आने वालों को नहर के दोनों किनारे अंधेरा होने के कारण डर लगता है इसलिए सोलर लाइट की जरूरत है। ऐसा होने से यह डर खत्म हो जाएगा। दाउदनगर मेन रोड पर स्थित नहर का पुल अंधियारे में एक लंबे अरसे से रोशन होने को बेकरार है। पुल के आसपास तकरीबन 150 मीटर तक मेन रोड अंधेरा रहता है। पेश है अंधियारी झेल रहे पुल की दुख भरी दास्तां
शहरवासियों मैं हूं नहर पर स्थित नया बना पुल ठीक अपने बड़े भाई पुराने वाले पुल के बगल में। जब मुझे बनाया गया तो लोग हमारी तरफ आकर्षित होते चले गए। लोग मेरे बड़े भाई को भूलने लगे। मैं फूले नहीं समा रहा था। अपनी लोकप्रियता और आपकी सेवा कर खुद को गौरवान्वित महसूस करने लगा। दिन पर दिन मेरी उपयोगिता बढ़ी और हम हजारों की संख्या में लोगों की सेवा करने लगे परंतु रात होते ही अंधियारे में गुजर रहे कुछ लोगों की निराशा भरी बातों से मुझे दुख भी होता रहा। शहरवासियों मैं आपकी सेवा में जिस प्रकार दिन में लगा रहता हूं, शाम के बाद भी उसी हौसले के साथ आपकी सेवा करना चाहता हूं, हमें रोशन तो करो मेरा आपसे वादा है आपको निराश नहीं करूंगा। मुझे रोशनी नहीं मिलती। साथ-साथ इधर अगल बगल भी अंधेरा से डूबा रहता है। शहर में तकरीबन हर जगह को रोशन कर दिया गया है फिर मेरे साथ सौतेला व्यवहार क्यों? मेरे आसपास न कोई मकान है और ना कोई दुकान इसलिए मुझे अंधियारे में अकेला छोड़ दिया गया आपने? मुझे तो इस बात का डर है कि मेरे आसपास अगर कुछ अनहोनी हो जाए तो लोग कहीं हमें कोसने न लग जाएं। मैं कर भी क्या सकता हूं, मेरी इज्जत आपके हाथ में है। मैं तो आपकी सेवा करना चाहता हूं बिना रुके 24 घंटे। बस यही आरजू है कि मुझे अंधेरा से निकाल दीजिएगा।