कैबिनेट सचिव के गाव में जर्जर सड़क
औरंगाबाद। कहा जाता है दीपक तले अंधेरा होता है। कुछ ऐसा हीं नजारा देखने को मिल रहा है। कें
औरंगाबाद। कहा जाता है दीपक तले अंधेरा होता है। कुछ ऐसा हीं नजारा देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा का गाव रसलपुर में सड़क नहीं है। बारिश होने पर ग्रामीणों को पैदल यात्रा करना पड़ता है। कैबिनेट सचिव का बचपन इसी गांव में बीता था। गांव की खासियत यह है कि आधे दर्जन ग्रामीण आइएएस एवं आइपीएस के पद पर कार्यरत हैं। जिले का यह वीआईपी गांव है परंतु सड़क से दूर है। प्रदीप कुमार सिन्हा जब कैबिनेट सचिव बने तो गांव सुर्खियों में आया। ग्रामीणों को लगा कि अब इस गांव का विकास होगा परंतु तीन माह बीत गए अब तक कोई कार्य नहीं हुए हैं। गांव जाने वाली सड़क पर चलना मुश्किल है। ग्रामीण शिवनाथ पांडेय, काशीनाथ पांडेय, दुर्गा सिंह, बसंत सिंह, लवकांत सिन्हा ने बताया कि बारिश के दिनों में गांव से निकलना मुश्किल होता है। बीडीओ मनोज कुमार ने बताया कि सड़क की स्थिति जर्जर है। बनाने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को लिखा जाएगा।