वशिष्ठ बाबू की जीवनी हो पाठ्यक्रम में शामिल
भारत के महान गणितज्ञ डा. वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर अनुमंडल मुख्यालय के राष्ट्रीय इंटर विद्यालय में शिक्षकों छात्रों शिक्षकेत्तर कर्मियों एवं भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कॉलेज केरा के प्रशिक्षु शिक्षकों के द्वारा एक मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
भारत के महान गणितज्ञ डा. वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर अनुमंडल मुख्यालय के राष्ट्रीय इंटर विद्यालय में शिक्षकों, छात्रों, शिक्षकेत्तर कर्मियों एवं भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कॉलेज केरा के प्रशिक्षु शिक्षकों के द्वारा एक मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
शिक्षक अंबुज कुमार ने राज्य सरकार से डा. वशिष्ठ बाबू के नाम पर राष्ट्रीय स्तर के उच्च स्तरीय महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय खोलने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अत्याधुनिक साधनों से संपन्न होना चाहिए। इसमें प्रवेश प्रक्रिया खुली प्रतियोगिता के माध्यम से अपनाकर मेधावी छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण की व्यवस्था मुहैया कराई जानी चाहिए। यह विश्वविद्यालय पूर्णत: राज्य संपोषित होना चाहिए, जिससे गरीब एवं अमीर दोनों घरों के विद्यार्थी आसानी से पढ़ सकें एवं शोधकार्य कर सकें। ऐसा कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है। उनकी जीवनी को विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल करने की मांग की गई। गणित के क्षेत्र में किए गए कार्यों की चर्चा कर छात्रों को संकल्प भी दिलवाए गए। प्रभारी प्राचार्य राजू नंदन कुमार सिंह, सेवानिवृत्त प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह, पुस्तकालय अध्यक्ष अवध किशोर, महेंद्र सिंह, राजीव कुमार, जयराम, अंजुम साकिन, बेबी कुमारी सहित उपस्थित रहे। मदर इंटर नेशनल स्कूल तरार में छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों ने एक मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। निदेशक मो. नवाब ने कहा कि डा. वशिष्ठ बाबू की निधन राष्ट्र की क्षति है। प्राचार्या फरीदा खातून, शिक्षक रंजन कुमार,दीपक, मुन्ना, नूरी, शबाना, गुड्डी, छात्र नीतीश कुमार, जूही, अंजली, रिकी, शोभा, माधुरी, साना, बबली, तैयबा, सानो, तमसिया मौजूद रहे।