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Aurangabad: सदर अस्पताल से गायब हो गए 11 विशेषज्ञ चिकित्सक, कान, नाक व गला रोग विशेषज्ञ के छह पद खाली

सदर अस्पताल में चिकित्सक नहीं है। जिस कारण चिकित्सा व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। अस्पताल में चिकित्सक की घोर कमी है। विभाग द्वारा जिन चिकित्सक का पदस्थापन किया गया उसमें अधिकांश पद त्याग कर कर्तव्य से गायब हो गए हैं। कुछ चिकित्सक पदस्थापन के बावजूद योगदान नहीं दिए।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Fri, 04 Nov 2022 12:18 PM (IST)
Aurangabad: सदर अस्पताल से गायब हो गए 11 विशेषज्ञ चिकित्सक, कान, नाक व गला रोग विशेषज्ञ के छह पद खाली
सदर अस्पताल औरंगाबाद जहां नहीं हैं चिकित्सक

 जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : सदर अस्पताल में चिकित्सक नहीं है। जिस कारण चिकित्सा व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। अस्पताल में चिकित्सक की घोर कमी है। विभाग द्वारा जिन चिकित्सक का पदस्थापन किया गया उसमें अधिकांश पद त्याग कर कर्तव्य से गायब हो गए हैं। कुछ चिकित्सक पदस्थापन के बावजूद योगदान नहीं दिए। गायब चिकित्सकों को पता लगाने में विभाग नाकाम रही है। सिविल सर्जन डा. कुमार वीरेंद्र प्रसाद ने सरकार के उपसचिव को पत्र लिखकर इससे संबंधित जानकारी दी है। 

सदर अस्पताल के 11 विशेषज्ञ चिकित्सक कर्तव्य से गायब

सदर अस्पताल में चिकित्सक के पद को रिक्त मानते हुए पदस्थापन का आग्रह किया है। सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल के 11 विशेषज्ञ चिकित्सक कर्तव्य से गायब हैं। तीन निश्चेतक चिकित्सक लंबे समय से कर्तव्य से अनुपस्थित हैं। निश्चेतक चिकित्सक डा. संजय कुमार एक जुलाई 2016, डा. प्रकाश कुमार 30 मई 2021 एवं डा. राकेश रौशन तीन अगस्त 2020 से गायब हैं। त्वचा रोग विशेष चिकित्सक एक जुलाई 2016 से लंबे समय से अपने कर्तव्य से अनुपस्थित हैं। आंख रोग विशेषज्ञ चिकित्सक पद त्याग कर कर्तव्य से अनुपस्थित हैं। एक महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक पद त्याग कर एवं एक अन्य चाइल्ड केयर अवकाश का आवेदन डाक से भेजकर कर्तव्य से अनुपस्थित हैं। एक रेडियोलाजिस्ट चिकित्सक पद त्याग कर अनुपस्थित हैं। 

अस्पताल में फिजिशियन के न होने से परेशानी 

सिविल सर्जन ने सरकार के स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव को पत्र के माध्यम से बताया है कि सदर अस्पताल में फिजिशियन चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं। अस्पताल में तीन चिकित्सक का पद स्वीकृत है जिसमें सभी का पदस्थापन किया गया परंतु यहां कोई पदस्थापित नहीं है। डा. यमुना पांडेय को कार्यालय अवधि के लिए आइजीआइएमएस पटना भेजा गया है। डा. जीतेंद्र कुमार सिन्हा कार्यकाल अवधि के लिए अध्ययन अवकाश पर गए हैं। 

मनोचिकित्सा विभाग भी खाली 

डा. संदीप कुमार एएनएमसीएच गया में सीनियर हैं। फिजिशियन चिकित्सक नहीं होने के कारण मरीजों के इलाज में परेशानी होती है। इएनटी व मनोचिकित्सा के नहीं हैं चिकित्सकसीएस ने पत्र के माध्यम से उपसचिव को अवगत कराया है कि सदर अस्पताल में नाक, कान व गला (इएनटी) चिकित्सक के छह पद स्वीकृत है परंतु पदस्थापित एक भी नहीं हैं। मनोचिकित्सा विभाग भी खाली है। एक पद स्वीकृत है परंतु पदस्थापित कोई नहीं है। 

चिकित्सक का पदस्थापन जरूरी :

सीएससिविल सर्जन डा. कुमार वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल में चिकित्सक का पदस्थापन जरूरी है। चिकित्सक की कमी के संबंध में सरकार के स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से चिकित्सक के पदस्थापन का आग्रह किया है। जल्द चिकित्सक का पदस्थापन होने की उम्मीद है। कर्तव्य से गायब चिकित्सकों के बारे में उपसचिव को अवगत कराया गया है।Nope