18 लाख के भुगतान पर मचा बवाल
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डा. परशुराम भारती एवं अस्पताल उपाधीक्षक डा
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद :
सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डा. परशुराम भारती एवं अस्पताल उपाधीक्षक डा. तपेश्वर प्रसाद के बीच तनाव गहराता जा रहा है। मामला आउटसोर्सिग के 18 लाख रुपये भुगतान का है। डीएस ने अक्टूबर 2014 से फरवरी 2015 के बकाया विपत्र में 50 प्रतिशत कटौती कर भुगतान करने का आदेश दिया है। अपने रिपोर्ट में कहा है कि जनरेटर बिल एवं सफाई का पैसा अधिक है। जनरेटर बिल में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई है जिसका मिलान विद्युत विभाग के सप्लाई रजिस्टर से किया जा सकता है। जिस समय बिजली उपलब्ध है उस समय जनरेटर को चालू स्थिति में दिखाया गया है। सफाई भी मशीन से नहीं होती है। शौचालय में न फिनाइल डाला जाता है और न ही ओडोनिल लगाया जाता है। हद यह कि मरीजों के वार्ड में मच्छर मारने का मशीन भी उपलब्ध नहीं है। आउटसोर्सिग संचालक ने एकरारनामा करते समय उक्त सुविधा देने की हामी भरी है। जो काम हुआ नहीं है उसका भुगतान कैसे हो सकता है। डीएस ने जिला कोषागार पदाधिकारी, डीएम, मगध आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं क्षेत्रीय उपनिदेशक को पत्र लिखा है। कहा है कि डीएस के आदेश को बाइपास कर सीएस ने भुगतान करने के लिए कमिटी गठित किया है।
हम डंडा नहीं चला सकते : डीएस
फोटो फाइल - 28 एयूआर 03
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. तपेश्वर प्रसाद ने कहा कि हम डंडा नहीं चला सकते। गलत भुगतान भी नहीं होने देंगे। सरकारी राशि गबन न हो इसलिए मैंने सभी अधिकारियों को पत्र लिखा है। सिविल सर्जन ने भुगतान के लिए एसीएमओ डा. रामदेव दास के नेतृत्व में जांच टीम गठित की है। टीम में अपने साथ काम करने वाले चिकित्सकों को रखा है। चिकित्सकों की टीम के रिपोर्ट के आधार पर भुगतान करेंगे। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के सर्वेसर्वा डीएस होते हैं। सीएस हमेशा डीएस को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं।
इमरजेंसी प्लान बना रहे हैं : सीएस
फोटो फाइल - 28 एयूआर 02
सिविल सर्जन डा. परशुराम भारती ने बताया कि 18 लाख के भुगतान पर बाद में बात करेंगे। अभी इमरजेंसी प्लान बना रहे हैं। बात करने की फुरसत नहीं है। भुगतान का मामला क्या है, मेरे दिमाग में नहीं है। फाइल देखकर पूरी जानकारी देंगे।