शाकाहारी भोजन हमारी संस्कृति : आचार्य
अरवल। प्रखंड मुख्यालय स्थित करपी डीह में मां जगदंबा मंदिर के प्रांगण में नवरात्र के अवसर पर क
अरवल। प्रखंड मुख्यालय स्थित करपी डीह में मां जगदंबा मंदिर के प्रांगण में नवरात्र के अवसर पर कथा वाचन का आयोजन हो रहा है। वेंकटेश्वर धाम हुलासगंज से आए आचार्य महाराज ईश्वर दयाल जी के द्वारा नवरात्रि पाठ के साथ-साथ कथा वाचन भी किया जा रहा है। कोरोना काल को देखते हुए आयोजकों के द्वारा फेसबुक लाइव के द्वारा उनके कथा को घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है। कथावाचक आचार्य ने पश्चिमी देशों की संस्कृति, पहनावा एवं खान पान अपनाने के लिए लोगों को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में बैठकर भोजन करने, शुद्ध शाकाहार का उपयोग करने से ही अपनी संस्कृति बचेगी। पश्चिमी सभ्यता का नकल नहीं करें।पश्चिमी सभ्यता को अपनाकर खुद को गौरवान्वित ना समझे, भारतीय संस्कृति को अपनाएं। स्वच्छता को बनाएं हथियार, मास्क लगाने की पुरानी प्रथा, घूंघट और गमछा भारतीय मास्क है, जो हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। कोरोना काल खंड की चर्चा करते हुए कहा कि कोविड जैसे घातक वायरसों से बचने के लिए योग के साथ साथ सात्विक और इम्युनिटी बढ़ाने वाले भोजन लेना लाभकारी होता है। तुलसी पत्ते की लाभकारी गुणों के साथ साथ कई औषधीय पौधों की गुणों की चर्चा की। उन्होंने माता जगदंबा की महिमा का बखान करते हुए कहा कि करपी के लोगों के लिए यह बहुत ही पुण्य क्षेत्र के समान है। कार्यक्रम कोरोना गाइडलाइन का पूर्णत: पालन किया जा रहा है। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में जहां लोगों की उपस्थिति काफी कम हो रही हैं। जगदम्बा युवा क्लब के कार्यकारी अध्यक्ष चुन्नू शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर में आने वाले सभी भक्तों की थर्मल स्क्रीनिंग की रही है। वहीं सभी भक्तों के लिए सैनिटाइजर एवं मास्क का उपयोग जरूरी किया गया है।