एक साथ तीन युवकों की मौत से कोनी मेंकोहराम
अरवल। प्रखंड क्षेत्र के कोनी गांव में होली के त्योहार की खुमारी देखते ही देखते मातम में बदल गया। ग्रामीण इस पर्व की तैयारी में थे।
अरवल। प्रखंड क्षेत्र के कोनी गांव में होली के त्योहार की खुमारी देखते ही देखते मातम में बदल गया। ग्रामीण इस पर्व की तैयारी में थे। जगह-जगह पर ग्रामीणों द्वारा होली गायन का भी आयोजन किया गया था। होलिका दहन के एक दिन पूर्व इस गांव में ऐसी खबर आई जिसपर शायद ही किसी को पहली बार में विश्वास नहीं हुआ होगा। गांव के तीन युवकों की एक ही घटना में मौत की खबर लोगों को स्तब्ध कर दिया। खबर सुनते ही लोग घटना स्थल की ओर कुच कर गए। हालांके िगांव से अधिक दूरी रहने के कारण घटना स्थल पर पैदल पहुंचना संभव नहीं था। फिर भी लोग अपने वाहनों से वहां चल पड़े। तीनो युवक होली के त्योहार में जश्न के लिए ही पैसे की व्यवस्था करने गए थे। वे लोग बिजली वायरिग का कार्य करते थे। अरवल में भी उनलोगों के द्वारा काम किया गया था। पर्व में पैसे की जरूरत थी। इसलिए तीनो एक ही मोटरसाइकिल से गांव से निकल पड़े थे। सबकुछ ठीकठाक चल रहा था। बेहतर तरीके से होली मनाने की सोंच के साथ वे लोग वापस गांव लौट रहे थे। इसी बीच बेलगाम ट्रक की चपेट में आने से उनलोगों की दर्दनाक मौत हो गई। बताते चलें कि इस घटना में देवनंदन सिंह का पुत्र नीतीश कुमार 28 वर्ष, लक्ष्मण सिंह का पुत्र रौशन कुमार तथा मोती लाल का पुत्र चंदु कुमार काल के गाल में समा गया। नीतीश के पिता सेना में तैनात हैं। परिणामस्वरूप वे ड्यूटी पर ही थे। वहीं रौशन के पिता छोटे तबके के किसान हैं। जबकि चंदु के पिता भी मामूली किसान हैं। ऐसे में इन तीनों परिवारों के सामने तो यह घटना कहर बनकर बरपा ही। पूरे ग्रामीण इस घटना से सदमे में हैं। इस वर्ष तो यहां होली बेरंग हो ही गई। जिस तरह से एक साथ तीन युवकों की मौत हुई है आने वाले अगले वर्ष में भी लोगों को यह टीस सहलाता रहेगा। ग्रामीण सुरेंद्र कुमार ने बताया कि हमलोग इस वर्ष बेहतर तरीके से त्येाहार मनाने की व्यवस्था कर रहे थे। युवाओं की इच्छा थी कि धूमधाम से होली मनाएं। इसे लेकर गांव में खुशनुमा माहौल भी था लेकिन शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। फिलहाल गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतकों के घर पर लोगों का आना जाना तो लगा ही है। हालांकि खबर संप्रेषण तक गांव में युवकों का शव नहीं पहुंच पाया था।