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जिला परिषद की जमीन पर निर्माण कार्य को ले अध्यक्ष ने जताई आपति

अरवल। जिला परिषद के कार्यालय में बुधवार को जिप अध्यक्ष किरण देवी ने प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि विधायक निधि से बनाया जा रहा मूर्ति स्थल की जमीन जिला परिषद की है जबकि इसके लिए जिला परिषद से अनापत्ति प्रमाण पत्र नही लिया गया है। इसको लेकर अनेको बार संबंधित पदाधिकारी को पत्राचार किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 12:11 AM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 06:27 AM (IST)
जिला परिषद की जमीन पर निर्माण कार्य को ले अध्यक्ष ने जताई आपति
जिला परिषद की जमीन पर निर्माण कार्य को ले अध्यक्ष ने जताई आपति

अरवल। जिला परिषद के कार्यालय में बुधवार को जिप अध्यक्ष किरण देवी ने प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि विधायक निधि से बनाया जा रहा मूर्ति स्थल की जमीन जिला परिषद की है जबकि इसके लिए जिला परिषद से अनापत्ति प्रमाण पत्र नही लिया गया है। इसको लेकर अनेको बार संबंधित पदाधिकारी को पत्राचार किया गया है। जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा कार्य रोकने के लिए पत्र भी निर्गत किया गया है फिर भी कार्य करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंचल पदाधिकारी करपी से पत्र संख्या 341 के माध्यम से जिला परिषद की जमीन की ब्यौरा की मांग किया गया था।जिसके बिरुद्ध में प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया कि मौजा नगला थाना नंबर 222 खाता संख्या 141 प्लाट संख्या 545 रकवा 34 डिसमिल परतीकदीम की जमीन जिला परिषद की है। विधायक निधि से कार्य कराने के लिए अंचल अधिकारी करपी के पत्रांक 340 द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। मौजा किजर थाना नंबर 222 खाता संख्या 134 प्लाट संख्या 578, तीन डिसमिल का किस्म मालिक गैरमजरूआ बताया गया है। जिसपर संत लाल यादव का मकान बना हुआ है जबकि खाता संख्या 156 प्लॉट नंबर 12 60 रकबा छह डिसमिल जिस पर पूर्व से चारदीवारी बना हुआ है तो फिर किस जमीन पर विधायक निधि से उद्यान मूर्ति चाहर दीवारी और अन्य कार्य कराया जा रहा है। उक्त जमीन के लिए जिला परिषद के द्वारा जिलाधिकारी ,उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी करपी से कई बार पत्राचार के द्वारा स्थल को अतिक्रमण मुक्त कराने एवं निर्माण कार्य पर रोक लगाने के लिए मापी प्रतिवेदन की मांग की गई लेकिन आज तक इस संदर्भ में कोई प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ । जिला परिषद द्वारा उक्त भूमि पर हो रहे काम को रोकने के लिए पत्र निर्गत किया गया है लेकिन कार्य को जिला प्रशासन की मिलीभगत से तेजी से कराई जा रही है जो चिता का विषय है।जिप अध्यक्ष ने इसके विरोध में 30 अक्टूबर को सत्याग्रह की घोषणा की।

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