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विभागीय उदासीनता का दंश झेल रहा झूनाठी उपस्वास्थ्य केंद्र

करपी प्रखंड क्षेत्र के झुनाठी उप स्वास्थ्य केंद्र सरकार के वादे और दावे की जमीनी सच्चाई कुछ और ही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Nov 2017 03:04 AM (IST)Updated: Thu, 16 Nov 2017 03:04 AM (IST)
विभागीय उदासीनता का दंश झेल रहा झूनाठी उपस्वास्थ्य केंद्र
विभागीय उदासीनता का दंश झेल रहा झूनाठी उपस्वास्थ्य केंद्र

अरवल। करपी प्रखंड क्षेत्र के झुनाठी उप स्वास्थ्य केंद्र सरकार के वादे और दावे की जमीनी सच्चाई का पोल खोल रहा है। ग्रामीण इलाकों के लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों से मुक्ति दिलाने के लिए भले ही सरकार कई योजनाएं चलाने की बात करती हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कुछ वर्ष पहले यहां के ग्रामीणों ने अपनी कीमती 4 बीघे जमीन को स्वास्थ केंद्र के लिए दान में दिया था। जमीन दाता जमीन दान करते समय अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। उन्हें ऐसा लग रहा था कि यहां स्वास्थ्य केंद्र होने से इलाके के लोगों को इलाज के लिए अब झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाना नहीं पड़ेगा। लेकिन, स्वास्थ्य केंद्र के भवन बनने के बाद यहां न तो डॉक्टरो की नियुक्ति हुई, और न हीं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की। उस समय ग्रामीणों को यह भी आश्वस्त किया गया था कि यह स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तर्ज पर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगा। लेकिन, व्यवस्था की बदहाली ने जमीन दाताओं के साथ-साथ ग्रामीणों के अरमानों पर पानी फेर दिया। फिलहाल यहां स्वास्थ्यकर्मी के नाम पर एक एएनएम कार्यरत थी। वह भी डिप्टेशन में अरवल चली गई है। कभी कभार ही स्वास्थ्य केंद्र का ताला खुलता है। परिणाम स्वरुप इलाज तो दूर की बात यहां के लोगों को टीकाकरण के लिए भी करपी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाना होता है। हालांकि ग्रामीण इस बदहाली को दूर करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर जिला प्रशासन तक कई बार फरियाद लगा चुके हैं। लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों के रहने के लिए आवास भी बना हुआ है। स्वास्थ्य केंद्र और आवास का भवन देखरेख के अभाव में जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है। लेकिन, इसकी सुधि लेने की आवश्यकता महसूस विभाग के लोग नहीं कर पाते हैं। परिणाम स्वरुप जहां स्वास्थ्यकर्मी और मरीजो को होना चाहिए था वहां पशुओं का विचरण हो रहा है। विडंबना की बात है कि दूसरे को स्वास्थ्य सेवाएं देने वाला यह अस्पताल विभाग की उदासीनता के कारण खुद बीमार है।

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सुनें स्थानीय लोगों की----

इस स्वास्थ्य केंद्र के लिए हम लोगों के पूर्वजों द्वारा जमीन दान दिया गया था। लेकिन इस स्वास्थ्य केंद्र की हालात को देख कर दुख होता है कि दिया गया जमीन बेकार चला गया। यहां किसी प्रकार की कोई स्वास्थ्य लाभ की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।

सुभाष शर्मा

फोटो-32

हम लोग इस स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली दूर करने के लिए स्थानीय सांसद-विधायक से लेकर जिलाधिकारी तक फरियाद लगा चुके हैं, लेकिन हर ओर बस आश्वासन ही मिला है।अब तक इस ओर पहल नहीं की गई है।

अमरेश कुमार

फोटो-33

यहां अतिरिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधा उपलब्ध कराने की बात की गई थी। लेकिन, हालात यह है कि यहां उप स्वास्थ्य केंद्र जैसी भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। कभी-कभार ही स्वास्थ्य केंद्र का ताला खुलता है।

प्रियरंजन कुमार

फोटो-34

इस स्वास्थ्य केंद्र में संसाधनों का आभाव है। परिणाम स्वरुप हम लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रखंड और जिला मुख्यालय जाना पड़ता है।

विकास कुमार

फोटो-35

सुनें स्वास्थ प्रबंधक की ---

विभाग की सूची में यह उप स्वास्थ्य केंद्र है। यहां एक एएनएम कार्यरत थी ,जो फिलहाल डिप्टेशन में अरवल चली गई है। ऐसे मेंदूसरे जगह के एएनएम से सप्ताह में 2 दिन टीका का कार्य करवाया जा रहा है। हालांकि यहां दो एएनएम अस्थाई रूप से कार्यरत होना चाहिए था। लेकिन, कर्मियों की कमी के कारण यह व्यवस्था नहीं हो पा रही है ।

अखिलेश कुमार


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