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बाढ़ से निपटने को रखें मुक्कमल तैयारी

समाहरणालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव सह प्रभारी सचिव प्रेम ¨सह मीणा की अध्यक्षता में अरवल एवं जहानाबाद में बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारियों से संबंधित समीक्षा बैठक की गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 09:33 PM (IST)
बाढ़ से निपटने को रखें मुक्कमल तैयारी
बाढ़ से निपटने को रखें मुक्कमल तैयारी

अरवल । समाहरणालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव सह प्रभारी सचिव प्रेम ¨सह मीणा की अध्यक्षता में अरवल एवं जहानाबाद में बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारियों से संबंधित समीक्षा बैठक की गई। जिले के सभी पांच प्रखंडों के वर्षा मापक यंत्रों की स्थिति सही है। जुलाई माह का सामान्य वर्षा 293.1, वास्तविक वर्षा 227.7 जिसका फीसद 22.21 आंकी गई। इसी प्रकार अगस्त माह का सामान्य वर्षा 310.2, वास्तविक वर्षा 15.8 जिसका फीसद 94.90 है। इस जिले में दो प्रमुख नदियां प्रवाहित होती है, सोन नदी का वर्तमान जल स्तर 103.98 है और वर्तमान मे उसके जलस्तर में वृद्धि हो रही है। पुनपुन नदी का वर्तमान जल स्तर 49.86 एवं वर्तमान में जलस्तर में कमी होती जा रही है।

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जिले में सोन एवं पुनपुन नदी के बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले संभावित 38 बसावट क्षेत्र की पहचान की गई है। जिले के संकटग्रस्त समूहों की कुल संख्या 3984, जिनमें गर्भवती 704, धात्री 465, बच्चे 1822, विकलांग 72 एवं वृद्ध 921 हैं। कुल नौ नाव का क्रय किया गया है, जिसे सभी अंचल अधिकारियों के बीच हस्तगत करा दिया गया है। वाहन की उपलब्धता 187 है। जिले में कुल एक महाजाल उपलब्ध है जो जिला नियंत्रण कक्ष में रखा गया है। अरवल अंचल में पूर्व से कुल पांच स्थानीय गोताखोर प्रशिक्षित हैं, शेष अन्य चार अंचलों के कुल 27 स्थानीय गोताखोंरों को एसडीआरएफ की टीम द्वारा अंचलों में जाकर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

प्रभारी सचिव को जहानाबाद के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष के द्वारा बताया गया कि ऑनलाइन किसानों के निबंधन की कुल संख्या 1664 है। पशु स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आकस्मिक योजना, रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था करने की तैयारी प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय पर की गई है। मनरेगा योजना में वृक्षारोपण की योजना ली गई। सामाजिक सुरक्षा, वृद्धा पेंशन, ससमय छात्रवृति का वितरण कराने के लिए सभी जरूरी कार्य किए जा रहे हैं। गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को कुपोषण से बचने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। बाढ़ एवं सुखाड़ के अब तक की गई तैयारी की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी से हर ¨बदु पर जानकारी ली गई।सचिव ने कहा कि जो कुछ बचा हुआ है उसकी तैयारी रखें ताकि बाढ़ एंव सुखाड़ की हर स्थिति से बचने के लिए हम तैयार रहें।

डीएम ने कहा कि सतू, नमक, चूड़ा, गुड़ मोमबती, दियासलाई, किरासन तेल आदि की उपलब्धता का आंकलन, दर निर्धारण एवं अन्य व्यवस्था की गई है। जिले में 4940 पॉलीथिन शीट्स का क्रय किया गया है। असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी से मानव दवा की उपलब्धता का प्रतिवेदन लिया गया है। पशु दवाओं की उपलब्धता का भौतिक सत्यापन करा लिया गया है तथा पशुचारे के लिए प्राप्त निविदाओं का निष्पादन कर दिया गया है। पांचों प्रखण्डों में कुल 15 उच्च शरण स्थल मवेशियों के आवासन के लिए भूमि चिन्हित कर लिया गया है। खाद्यान्न के संरक्षण के लिए कुल 11 गोदामों को चिन्हित किया गया है।

सड़कों की मरम्मत के लिए कटाव वाले संभावित दोनों जगहों पर आवागमन को सुचारू रूप से चालू रखने के लिए स्थल पर आवश्यक सामग्री एकत्रित कर लिए गए हैं। आपातकालीन संचालन के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नंबर 06337-228985 है।


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