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1020 विद्यार्थियों को पढ़ा रहे मात्र छह शिक्षक

अरवल। 10+2 माध्यमिक विद्यालय ¨कजर के चकाचक भवन को देख पहली नजर में व्यवस्था के प्रति अच्छी सोंच जरुर बनती है लेकिन विद्यालय के पठन पाठन का हाल जानने के बाद व्यवस्था की बदहाली बहुत कुछ सोंचने को मजबूर करता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 12:01 AM (IST)
1020 विद्यार्थियों को पढ़ा रहे मात्र छह शिक्षक
1020 विद्यार्थियों को पढ़ा रहे मात्र छह शिक्षक

अरवल। 10+2 माध्यमिक विद्यालय ¨कजर के चकाचक भवन को देख पहली नजर में व्यवस्था के प्रति अच्छी सोंच जरुर बनती है लेकिन विद्यालय के पठन पाठन का हाल जानने के बाद व्यवस्था की बदहाली बहुत कुछ सोंचने को मजबूर करता है। बदहाली का आलम यह है कि विद्यालय के माध्यमिक कक्षाओं में 1650 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। जिन्हें पढ़ाने के लिए 19 शिक्षक यहां कार्यरत हैं। ऐसे में कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की कमी बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बना रहा है। हालात इस कदर बदतर है कि इंटर विज्ञान तथा कला दोनो संकायों को मिलाकर 1020 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। जबकि इन दोनों संकायों को मिलाकर मात्र छह शिक्षक ही उपलब्ध हैं। इंटर की कक्षाएं विद्यालय की कक्षा के जगह कागजों तक ही सीमित रह जाती है। इंटर के विद्यार्थी सिर्फ फार्म भरने के समय ही विद्यालय आते हैं और बिना पढ़ाई किए परीक्षा में शामिल होते हैं। वहीं शिक्षकों की कमी का असर नवमी और दशमी कक्षा पर भी पड़ रहा है। शारीरिक शिक्षा, कम्प्यूटर जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक विद्यालय में नहीं है। जिसके कारण इन विषयों की पढ़ाई नहीं होती है। व्यवस्था के नाम पर कम्प्यूटर और विज्ञान के प्रायोगिक कक्षा तो विद्यालय में जरुरत उपलब्ध है लेकिन इसके शिक्षक पदस्थापित नहीं हैं। जिसके कारण यह महज शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। हालांकि विद्यालय में पुस्तकालय की स्थिति संतोषजनक है ।इलाके के एक बड़ी आबादी के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी लिए यह विद्यालय बदहाल व्यवस्था का दंश झेल रहा है।

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हमारे विद्यालय में कई विषय के शिक्षक नहीं हैं। जिससे हमलोगों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती है। सिलेबस अधुरा रह जाता है। तो कुछ विषय पूरे सत्र बीत जाने के बाद भी एक भी अध्याय नहीं पढ़ाया जाता है।

चंदन कुमारी

हमारे विद्यालय में कम्प्यूटर सहित कई विषय के शिक्षक नहीं हैं। जिससे इनकी पढ़ाई नहीं हो रही है। वहीं विज्ञान की प्रायोगिक शिक्षा भी हमलोगों को उपलब्ध नहीं हो पाती है।

जेबा प्रवीण

आज तक हमलोग कम्प्यूटर और प्रायोगिक विषयों की पढ़ाई नहीं कर पाए हैं। इस बात की शिकायत प्रधानाध्यापक से करने पर शिक्षकों की कमी बताकर टाल दिया जाता है। हमलोग बिना पढ़े ही इन विषयों की परीक्षा देने को बाध्य हैं।

पम्मी कुमारी

पूरा सत्र बीत जाता है लेकिन सिलबेस पूरा नहीं होता है। विद्यालय में कई विषय के शिक्षक नहीं है। ऐसे में मैट्रिक की परीक्षा में अच्छा नंबर लाना हमलोगों के लिए काफी कठिन हो गया है। इसकी शिकायत भी प्रधानाध्यापक से कई बार हमलोग किए हैं। लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

फिरोज शाह

क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक

विद्यालय में शिक्षकों की काफी कमी है। कई विषय के शिक्षक नहीं है। जिससे विद्यालय के सफल संचालन में काफी बाधा उत्पन्न होती है। इस स्थिति से विभाग के वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया हैं। लेकिन फिलहाल इस दिशा में कोई अमल नहीं किया गया है। हमलोग का प्रयास रहता है कि जो भी शिक्षक हैं उनके द्वारा बच्चों का सिलेबस पूरा किया जा सके।

ब्रजेश कुमार


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