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Bihar News: सैन्य सम्मान के साथ हुआ मेजर मनोज कुमार का अंतिम संस्कार, सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे लोग

अरवल डीएम वर्षा सिंह एसपी मो काशिम एसडीपीओ बीडीओ थाना अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी बलिदानी के आने से एक घंटे पहले ही लोदीपुर गांव पहुंच गए थे। दानापुर कैंट से ब्रिगेडियर आरके घोष सैन्य पदाधिकारियों के साथ बलिदानी का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंचे थे। पार्थिव शरीर से लिपटकर पिता पत्नी व भाई रोने बिलखने लगे। पूरा माहौल गमगीन हो गया।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Published: Fri, 22 Dec 2023 03:06 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2023 03:06 PM (IST)
सैन्य सम्मान के साथ हुआ मेजर मनोज कुमार का अंतिम संस्कार, सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे लोग

जागरण संवाददाता, अरवल। अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन की सीमा पर बलिदानी हुए देश के वीर सपूत मेजर मनोज कुमार का पार्थिव शरीर तीन दिनों बाद शुक्रवार को उनके पैतृक गांव लोदीपुर पहुंचा। सुबह साढ़े सात बजे एंबुलेंस से बलिदानी का पार्थिव शरीर लाया गया।

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एंबुलेंस के आगे बाइक पर सवार दर्जनों युवक हाथो में तिरंगा झंडा लिए मनोज कुमार अमर रहे के गगनभेदी नारों के साथ आगे बढ़ रहे थे। जब एंबुलेंस जिला मुख्यालय से राष्ट्रीय राजमार्ग 110 पर आई तो यहां वहां सड़क के किनारे वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए लोग सड़क किनारे खड़े रहे। सभी ने नम आंखों से बलिदानी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सैन्य अधिकारी पार्थिश शरीर लेकर गांव पहुंचे

अरवल डीएम वर्षा सिंह, एसपी मो काशिम, एसडीपीओ, बीडीओ, थाना अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी बलिदानी के आने से एक घंटे पहले ही लोदीपुर गांव पहुंच गए थे। दानापुर कैंट से ब्रिगेडियर आरके घोष सैन्य पदाधिकारियों के साथ बलिदानी का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंचे थे।

पार्थिव शरीर से लिपटकर पिता, पत्नी व भाई रोने बिलखने लगे। पूरा माहौल गमगीन हो गया। हर किसी की आंखें नम हो गई। डीएम समेत अन्य पदाधिकारियों और स्थानीय नेताओं ने ताबूत में बंद बलिदानी पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। बलिदानी के अंतिम दर्शन के लिए गांव में महिलाएं यहां वहां छत पर झुंड में खड़ी थी।

छत टूटने की आशंका पर पुलिस के द्वारा महिलाओं को नीचे उतारा गया। बलिदानी को एक झलक देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे। कुछ समय बाद बलिदानी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए अरवल सोन नदी के किनारे ले जाया गया, जहां सैनिक सम्मान के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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