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चित्रकला में शामिल हुए ऑटिज्म पीड़ित बच्चे

अरवल। सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के अवसर पर प्रभात फेरी का आयोजन कर निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 11:42 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 11:42 PM (IST)
चित्रकला में शामिल हुए ऑटिज्म पीड़ित बच्चे

अरवल। सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के अवसर पर प्रभात फेरी का आयोजन कर निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में प्रथम तीन को पुरस्कृत किया गया। प्रभात फेरी भगत सिंह चौक से इंडोर स्टेडियम तक निकाला गया। कार्यक्रम में शारीरिक रूप से विकलांगो के अलावे कई पदाधिकारी शामिल थे। प्रभात फेरी का नेतृत्व डीपीआरओ विदुर भारती ने की। इंडोर स्टेडियम पहुंचा जहां पर चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता की गई। प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मौके पर अपर अनुमंडल पदाधिकारी अभिजीत कुमार गोविदा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, वरीय उप समाहर्ता प्रियंका कुमारी, बुनियाद केंद्र प्रबंधक राजेश कुमार, शारीरिक शिक्षक बृजेश कुमार सहित अन्य लोगों ने कहा कि समाज में रूढ़ीवादी विचार को तोड़ने की आवश्यकता है। ऐसे बच्चे जो कई प्रकार के विकलांगता के विकार से ग्रसित है उन्हें प्यार की आवश्यकता है। बच्चे से सभी लोग प्यार और अपनापन दिखाएं तभी ऐसे बच्चे विकसित हो सकेंगे। सामान्य बच्चे से ऐसे बच्चे ज्यादा रचनात्मक होते हैं।

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संवाद सहयोगी कलेर, अरवल

प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में अप्रैल माह की शुरुआत में ही लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। वहींअभी पूरा गर्मी का मौसम बाकी है। प्रखंड के लक्ष्मणपुर बाथे, इस्माइलपुर गोपालपुर, जमुहारी आदि गांवों में हैंडपंप कम मात्रा में पानी देने लगा है। इन गांवों के निवासी रंजीत कुमार ,नितेश पाठक, अभिषेक पाठक, रामचंद्र राम आदि लोगों ने बताया कि पहले एक बाल्टी पानी के लिए आठ से दस बार हैंडल दबाना पड़ता था, जबकि उतने ही पानी के लिए अब 18 से 20 बार हैंडल चलाना पड़ रहा है। यदि यही स्थिति रही तो अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक अधिकतर लोगों के घरों के चापाकल सूख जायेंगे। प्रखंड क्षेत्र के सभी गांवों में पहले की अपेक्षा पम्प से कम पानी निकलने की सूचनाएं मिल रही है। प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर गांव में पहले 40 फुट पर ही पानी मिल जाता था लेकिन अब 60 फुट गहराई में मिल रहा है। अधिकतर गांवों में 60 फुट व उक्त गांव में 120 फुट तक हैंडपंप लगाये गये हैं। इसके बावजूद चापाकल जल स्तर घटने के संकेत दे रहे हैं।इस संबंध में बीडीओ युसूफ सलीम ने बताया कि नल जल योजना का संचालन समय से कराया जा रहा है भू-जल का बड़े पैमाने पर दोहन को रोकने की जरूरत है। लोग अनावश्यक पानी बर्बाद कर रहे हैं।इसके लिए लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक करना होगा। वहीं जानकारों की माने तो लोग पानी बचाने के प्रति जागरूक नहीं हैं। नल जल योजना का कार्यान्यवयन व संचालन ठीक नहीं होना, नहरों का रख रखाव नहीं होना, जलस्त्रोतों का अस्तित्व मिटने की तरफ बढ़ना, बड़े पैमाने पर भू-जल दोहन जल स्तर घटने के मुख्य कारण है। यह स्थिति पेयजल संकट की तरफ ले जा रही है। लोगों को पानी बचाने व जल संचय पर ध्यान देना होगा।


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