प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के लक्ष्य से दूर है चिकित्सा विभाग
अरवल। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। वर्ष 2017 में इस योजना का शुभारंभ किया गया था।
अरवल। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। वर्ष 2017 में इस योजना का शुभारंभ किया गया था। इसके तहत सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत कर योजना का लाभ लेना था। लेकिन इस वित्तीय वर्ष तक जो स्थिति सामने आ रही है उससे इस योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़ा होने लगे हैं। हालांकि 587 आंगनवाड़ी केंद्रों पर यह योजना संचालित जरूर है । लेकिन अभी भी जो सरकार से लक्ष्य प्राप्त करने का टार्गेट दिया गया है, उसके अनुरूप यहां कार्य नहीं दिख रहा है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र पर पांच गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत कर इस योजना से जोड़ने की मुहिम में ठहराव सा आ गया है। हालांकि इसकी मॉनिट¨रग की जिम्मेदारी आईसीडीएस के पदाधिकारी को दी गई है। साथ ही बाल विकास परियोजना पदाधिकारी इसे लेकर निगरानी भी कर रहे हैं। किसे मिलना है योजना का लाभ : प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना से प्रथम बार गर्भवती हुई महिलाओं को लाभ उपलब्ध कराया जाता है। इसके तहत तीन किस्तों में पांच हजार रूपये लाभुक के खाते में दिए जाते हैं। पहली किस्त के रूप में दो हजार रूपए आंगनवाड़ी केंद्र पर पंजीयन कराते ही मिल जाता है। दूसरी किस्त पंजीयन कराने के 100 दिन के अंदर उपलब्ध कराई जाती है और आखिरी किस्त की राशि बच्चा जन्म के बाद दी जाती है। क्या है इसका उद्देश्य : सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को पोषक तत्व प्रदान करना है ताकि जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य रहे। इसके तहत सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराने की योजना है। कहते हैं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी : मातृत्व वदंन योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। हालांकि इसे लेकर हमलोग काफी सक्रिय है। फिर भी इसकी जो रफ्तार होनी चाहिए वह नहीं दिख रही है।आंगनवाड़ी सेविका-सहायिकाओं को पोषक क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों को इस योजना से जोड़ने का निर्देश दिया गया है। प्रयास है कि अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।
अर्चना भारती