कोरोना का हॉट स्पॉट बना हसनपुरा पिपरा गांव
अरवल। कोरोना वायरस अब गांवों में भी तेजी से पैर पसारने लगा है। गांव में इसका प्रसार होने से ग्रामीण चितित है। उनकी चिता का एक अन्य कारण ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था भी है। जिसकी स्थिति जग जाहिर है। वैसे तो लगभग अधिकांश गांवों में कोरोना ने अपना पांव पसार दिया है। लेकिन अरवल जिले के हसनपुर पिपरा गांव हॉट स्पॉट बना हुआ है।
अरवल। कोरोना वायरस अब गांवों में भी तेजी से पैर पसारने लगा है। गांव में इसका प्रसार होने से ग्रामीण चितित है। उनकी चिता का एक अन्य कारण ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था भी है। जिसकी स्थिति जग जाहिर है। वैसे तो लगभग अधिकांश गांवों में कोरोना ने अपना पांव पसार दिया है। लेकिन अरवल जिले के हसनपुर पिपरा गांव हॉट स्पॉट बना हुआ है। वर्तमान में इस गांव में 22 लोग संक्रमित है। सभी लोगों को होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गयी है। संक्रमण की जानकारी मिलते ही चिकित्सक गांव का भ्रमण कर आवश्यक दवा भी वितरित किये है। गांव की जनसंख्या साढ़े तीन हजार है। नगर परिषद क्षेत्र से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। संक्रमित लोग बेरोकटोक शहर का भ्रमण कर रहे हैं। स्थानीय सब्जी मंडी में खरीदारी करते देखे जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा संक्रमित के घर को सील नहीं किया गया है। गांव के बाहर हॉट स्पॉट का बोर्ड तो जरूर लगा दिया गया है लेकिन संक्रमित के अधिकांश घरों को सील नहीं किया गया है। संक्रमित बेरोकटोक बाहर जा रहे हैं तथा दूसरे गांव के ग्रामीण भी आते जाते दिख रहे हैं।
तीन मई को चिकित्सकों की टीम द्वारा प्राथमिक विद्यालय हसनपुर के प्रांगण में शिविर आयोजित कर लगभग 130 लोगों की जांच की गयी थी। एंटीजन से जांच में एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। कुछ लोगों का नमूना संग्रह कर आरटीपीसीआर जांच को ले पटना भेजा गया था। आठ को दो तथा नौ मई को 20 लोगों के मोबाइल पर पॉजिटिव का मैसेज आया। पॉजिटिव की जानकारी मिलते ही लोग सशंकित होने लगे। एक दूसरे से बचने के लिए शारीरिक दूरी का पालन करना प्रारंभ कर दिए। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार 130 लोगों की जांच में 22 लोग पॉजिटिव मिले थे। अगर विस्तृत रूप से जांच की जाएगी तो पॉजिटिव की संख्या और बढ़ सकती है। स्थानीय प्रशासन द्वारा इसकी रोकथाम के लिए कोई पहल नहीं की गई । जबकि हॉट स्पॉट चिन्हित गांव के आने जाने वाले रास्ते को बांस बल्ला से बंद करने का प्रावधान है। बुद्धिजीवी लोगों ने स्वयं अपने घर को कोरोना संक्रमित घोषित कर आने जाने से वर्जित कर दिया है। लेकिन प्रशासन की ओर से सील करना मुनासिब नहीं समझा गया। कोई अधिकारी कभी गांवों का भ्रमण करने नहीं पहुंचे। 14 दिनों तक होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई
सदर अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि पॉजिटिव मरीजों को दवा कीट उपलब्ध कराया गया है। संक्रमित लोगों को 14 दिन तक होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खान पान की भी जानकारी दी गई है। पॉजिटिव मरीज अगर सार्वजनिक स्थलों पर आना-जाना करेंगे तो संक्रमण फैलने की संभावना अधिक होगी।
डॉ रमण आर्यभट्ट क्या कहते हैं एसडीओ
संक्रमण गांवों में अधिक तेजी से फैल रहा है। ग्रामीणों को सतर्क रहने की जरूरत है। शादी विवाह कार्यक्रम में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। दूसरे प्रदेश से वतन लौटने वाले लोगों को जानकारी प्रशासन को देना अनिवार्य है। अपने वतन लौटने वाले लोगों को कम से कम कुछ दिन होम क्वारंटीन में रहना चाहिए।
दुर्गेश कुमार