खंडहर में तब्दील करपी का किसान भवन
अरवल। प्रखंड कार्यालय परिसर में अवस्थित किसान भवन इन दिनों भूत बंगला में तब्दील होता जा रहा है।
अरवल। प्रखंड कार्यालय परिसर में अवस्थित किसान भवन इन दिनों भूत बंगला में तब्दील होता जा रहा है। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो एक दिन यह किसान भवन खंडहर में तब्दील हो जाएगा। इसका मुख्य कारण किसान भवन का ताला का कभी नही खुलना एवं साफ सफाई नही होना बताया जाता है। बताते चलें कि इस भवन का निर्माण कार्य 80-90 के दशक में हुआ था। इसके चारो ओर घेराबंदी भी किया गया था। किसान भवन परिसर में आम लोगो को उचित दर पर खेतो की जुताई के लिये ट्रैक्टर उपलब्ध हुआ करता था। किसानों के खेतो में सिचाई के लिये बोरिग के लिये रियायती दर पर पाइप भी मिलता था। ट्रैक्टर की स्थिति तो इतनी खराब हो गई है कि इस ट्रैक्टर को कबाड़ी के अलावा कोई खरीद भी नहीं सकता है। तो परिसर में रखे लोहे के कुछ पाइप चोरो की भेंट चढ़ गई तो शेष बचे पाइप जंग की भेंट चढ़ रही है। परिसर की कभी सफाई नही होने के कारण यह झाड़ियों से पटा है।
कुछ वर्ष पूर्व तक इस भवन में मनरेगा का कार्यालय संचालित होते रहने के कारण कुछ साफ सुथरा रहता था। लेकिन उसका अपना भवन बन जाने के कारण इस भवन का कोई खोज खबर भी नही लेने वाला है। स्थिति ऐसी हो गई है कि अब यह भवन खंडहर में तब्दील हो जाएगा। वैसे भी कहा जाता है कि जिस मकान में जनमानस का आना जाना बंद हो जाता है तो वहां जगल झाड़ लगना ही है।
यहां यह भी बताते चलें कि एक समय रविवार को सभी कार्यालय बंद रहता था तो इस भवन का ताला खुला रहता था। कारण यह था कि पहले ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीविजन किसी किसी के घर हुआ करता था। उस समय रामायण एवं महाभारत सीरियल का प्रसारण रविवार को नौ बजे से टेलीविजन पर हुआ करता था। किसान भवन में एक बड़ा सा रंगीन टेलीविजन हुआ करता था। सीरियल देखने के लिये सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का आना आठ बजे से ही शुरू हो जाती थी। लेकिन आज किसान भवन का कोई मा बाप नही दिख रहा।