कमरे में धूल फांक रही डोप्लर अल्ट्रासाउंड की मशीन
अरवल। सदर अस्पताल में कलर डोप्लर अल्ट्रासाउंड की नई मशीन लगाई गई है ताकि यहां आने वाले मरीजों को इसकी सुविधा उपलब्ध हो सके।
अरवल। सदर अस्पताल में कलर डोप्लर अल्ट्रासाउंड की नई मशीन लगाई गई है ताकि यहां आने वाले मरीजों को इसकी सुविधा उपलब्ध हो सके। यहां इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों को लगा कि अब उन्हें इस मशीन की सुविधा मिलेगी। परंतु उद्घाटन के बाद इस मशीन को एक कमरे में रख दिया गया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि टेक्नीशियन नहीं हैं। जिसके कारण मशीन भी बेकार हो रहा है। पिछले दिनों इस सदर अस्पताल में प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था की गई थी लेकिन अनुबंध खत्म हो जाने के बाद सरकार तो मशीन की व्यवस्था कर दी लेकिन टेक्नीशियन के अभाव में वह सदर अस्पताल के कमरा में धूल फांक रहा है। अब यह बार-बार सवाल उठ रहा है कि मशीन लगाने से क्या फायदा हो रहा है। जब इसे चलाने वाले ही नहीं हैं। इसके कारण मरीजों को पांच सौ रुपये से लेकर 12 सौ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती थी। नए मशीन के आने के बाद लगा था कि कुछ व्यवस्था बदलेगी। परंतु स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने कलर डोप्लर अल्ट्रासाउंड मशीन सदर अस्पताल में दिया है। नये मशीन को लगाने में करीब सात लाख रुपये खर्च किए गए हैं। परंतु आश्चर्य की बात तो यह है कि उद्घाटन के बाद इस मशीन को एक कमरे में रख दिया गया है। यहां जो भी इलाज कराने के लिए मरीज आ रहे हैं। यदि डॉक्टर उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने का परामर्श देते हैं तो उन्हें बाहर से ही अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है।