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हवा में नमी के कारण ठंड से राहत नहीं, छाया रहेगा धुंध

अरवल। पांच दिनों से लगातार शीतलहर और घने कोहरे के कारण जन-जीवन ठहर गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:35 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 11:35 PM (IST)
हवा में नमी के कारण ठंड से राहत नहीं, छाया रहेगा धुंध
हवा में नमी के कारण ठंड से राहत नहीं, छाया रहेगा धुंध

अरवल। पांच दिनों से लगातार शीतलहर और घने कोहरे के कारण जन-जीवन ठहर गया है। मौसम विभाग के अनुसार 22 जनवरी से मौसम शुष्क होने की संभावना है। बुधवार को धूप नहीं निकलने के कारण कनकनी का अहसास किया गया। पशु-पक्षी का भी हाल बुरा हो गया है। कोहरे ने वाहन रेंगते रहे। लोगों की दिनचर्या में देर से जगना और शाम ढलते घर में बंद होना शामिल हो गया है।

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मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को तापमान में मामूली सुधार हुआ है। अधिकतम तापमान 19 और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। गुरुवार को दोपहर बाद धूप निकलने की संभावना है लेकिन हवा में नमी के कारण ठंड सताएगी।

बुधवार को 12 बजे के बाद सूर्य की रोशनी से शरीर में थोड़ी गर्माहट महसूस किया गया। बुधवार की सुबह शीतलहर का आलम यह रहा कि सामने 50 गज की दूरी तक भी दिखायी पड़ना मुश्किल था। हवा चलने से लोग घरों में दुबके रहे। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों द्वारा ठंड बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। एकाएक मौसम में परिवर्तन हुआ, जिससे जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. ऐसी स्थिति में सबसे अधिक परेशानी बच्चे एवं बुजुर्गों को हो रही है। घर से बाहर निकलते ही ठंड हवा उनके लिए घातक साबित हो रही है। ठंड से सर्दी, बुखार व खांसी के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने लगी हे। कोहरे के कारण सड़क दुर्घटना की आशंका बढ़ सकती है। ऐसे में यात्रा करते समय सचेत रहने की जरूरत है। जाड़े की इस मौसम में कुहासे ने अपना रूप दिखाया है। दिन में यात्रा करते समय वाहनों की लाइट जला कर चलने के बाद भी दिखाई नहीं पड़ रही है. एकाएक ठंड बढ़ने से किसान व पशुपालक परेशान दिख रहे है। गेहूं एवं अन्य खरीफ फसलों की सिचाई करने में जुटे थे, उनके लिए यह ठंड घातक साबित हो रही है. फिलहाल दिन-रात खुले आसमान के नीचे बाहर खेत में रहकर सिचाई करना खेतिहरों के लिए मुसीबत बनी हुई है।ठंड बढ़ने से दुधारू पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है. पशुपालकों को दोहरीमार झेलना पड़ रहा है. सबसे अधिक परेशानी उन विद्यार्थियों को उठानी पड़ रही जिसके फरवरी एवं मार्च में परीक्षा है. बच्चे ठंड में ठिठुरते कोचिग जाने को मजबूर हैं।


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